पिछले चार महीनों से हरियाणा की राजनीति में काफी बदलाव हुआ है, पहले हरियाणा में सीएम का चेहरा बदलना, उसके बाद बीजेपी -जेजेपी का गठबंधन टूटना, जिसके बाद से ही हरियाणा की बदल गई है। राजनीति में बदलाव के साथ ही नेताओं के सुर और रवैये भी काफी हद तक बदल रहे हैं। बात पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की करें तो उनके निशाने पर न केवल भाजपा है, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा के दिग्गज नेता भूपेंद्र हुड्डा भी उनके निशाने पर हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान से ही दुष्यंत सिर्फ भाजपा पर आक्रामक नहीं हो रहे, बल्कि कांग्रेस पर भी तीखे हमले कर रहे हैं। खासकर उनका टारगेट पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा के दिग्गज नेता भूपेंद्र हुड्डा हैं। दरअसल दोनों पार्टियों पर हमला कर जेजेपी अपनी जगह बनाने की जुगत में है। अलबत्ता बात ताजे मुद्दे की करें तो दुष्यंत चौटाला भाजपा के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार उतरवाने की कोशिश में कांग्रेस को आड़े हाथों ले रहे हैं।
भूपेंद्र हुड्डा बीजेपी के इशारे पर चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते
दुष्यंत चौटाला ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि एक तरफ़ नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा का ये कहना कि हरियाणा सरकार के पास बहुमत नहीं है, दूसरी तरफ़ राज्यसभा उपचुनाव ये कह कर लड़ने से इनकार करना की विपक्ष के पास संख्या बल नहीं है। ये दोनों बातें सच कैसे हो सकती है? क्योंकि दोनों बातें विरोधाभासी हैं। हरियाणा की जनता राज्यसभा उपचुनाव में बीजेपी को हारता हुआ देखना चाहती है, लेकिन भूपेंद्र हुड्डा बीजेपी के इशारे पर चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते।
पूरा विपक्ष कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार
उन्होंने कहा कि चुनाव में हार जीत तो चलती है, लेकिन बिना लड़े हार मान लेना वो भी तब जब पूरा विपक्ष कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार है। हम चाहते हैं कि कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाए और एक सामाजिक एवं सर्व सम्मानित व्यक्ति को राज्यसभा चुनाव में उतारे, ताकि हरियाणा की जनता को भी पता चले कि कौन सा विधायक जनता के साथ है और कौन सा विधायक सरकार के साथ।
हम फिर कहते है अगर हरियाणा कांग्रेस सही मन से राज्यसभा उपचुनाव लड़ती है तो बीजेपी की हार इसमें निश्चित है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में दुष्यंत और हुड्डा दोनों पर भाजपा के हाथ में खेलने के आरोप लगते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भी जेजेपी पर आरोप लगाए कि लोकसभा चुनाव से जस्ट पहले कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए दुष्यंत चौटाला ने गठबंधन तोड़ा है।
related
Latest stories
ये किसान व आढ़ती को ख़त्म करने का 'षड्यंत्र' नहीं तो क्या है? सदन में भाजपा पर गरजे आदित्य
सरकार द्वारा 'आंकड़े न कभी छुपाए जाते हैं, न कभी छुपाए जाएंगे', जानिए मुख्यमंत्री सैनी ने ऐसा क्यों कहा
'वे नहीं जानती कि पराली क्या होती है' दिल्ली सीएम पर बड़ोली का तंज - बोले पहले खेतों में जाकर पराली देखनी चाहिए