हरियाणा थिंकर्स फोरम के तत्वावधान में पानीपत के हुडा सेक्टर 13-17 स्थित SCO-233 लेट्स- को कैफे में 'फाइटिंग फॉर ऑर गॉड्स' विषय पर एक 'डिबेट' आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर पद्म श्री से सम्मानित प्रो डॉ संतराम देशवाल, हिंदू नेटवर्क फोरम के संस्थापक राहुल दीवान, स्मार्ट वर्क से अर्जुन ने शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन प्रो अर्जुन सिंह कादियान द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से की गई। तत्पश्चात पुष्प गुच्छ से अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो अर्जुन सिंह कादियान ने वक्ताओं का परिचय दिया। कार्यक्रम में मुख्य तौर पर हिंदू धर्म अथवा सनातन संस्कृति और हरियाणवी संस्कृति के साथ- साथ हिंदी साहित्य पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित गणमान्यों द्वारा विषय से संबंधित प्रश्न भी पूछे गए, जिनका वक्ताओं ने जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासा को शांत किया।
आज जय जवान, जय किसान और जय विद्वान हरियाणा की पहचान
पद्म श्री से सम्मानित प्रो डॉ संतराम देशवाल जी ने अपने साहित्यिक सफर अनुभव साझा करते हुए कहा कि बचपन से मन में था कि कुछ अलग करना है। बचपन से पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष किया। फीस तक के पैसे नहीं होते थे, बावजूद इसके हिम्मत नहीं हारी और आज उसी हिम्मत ने पद्म श्री तक पहुंचा दिया। हरियाणा आज सिर्फ जय जवान जय किसान के लिए नहीं जाना जाता, आज जय जवान, जय किसान और जय विद्वान हरियाणा की पहचान है। हरियाणा में हुनर की कमी नहीं है। सिर्फ जरूरत है उसे पहचाने की। कभी अपने को हीन नहीं समझना। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि संघर्ष से डर कर बैठ नहीं जाना, बल्कि जीवन में कुछ करने के लिए जुनून के साथ आगे बढ़ना। उन्होंने कहा मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे कभी पद्म श्री भी मिलेगा, आज हरियाणा को साहित्य के क्षेत्र में पहला पद्म श्री मिलने से मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मैं युवाओं से आह्वान करता हूं कि वह भी साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़े और अपने हरियाणवी संस्कृति, हरियाणवी कला को अपनी लेखनी के माध्यम से दुनिया तक पहुंचाएं। पद्मश्री तक आप भी पहुंच सकते है।
अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा एक फंड के रूप में जरूर निकाले
राहुल दीवान ने कहा कि हिंदूवादी लिनिंग बचपन से थी मोदी कॉन्सेप्ट से पहले ही थी। क्यों मोदी चाहिए ? इस पर एक सोच चलती थी। 2012 संजीव सान्याल की बुक 'लैंड ऑफ द सेवन रिवर्स: ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ इंडियाज ज्योग्राफी' पढ़ी। वहीं कई तरह की जिज्ञासाएं और सवाल अपने देश को लेकर मन में उठे और की वो हिंदुत्व के लिए काम कर रहे हैं। दीवान कहा कि उन्होंने एक हिंदू फंड बनाया हुआ है, जिसमें वह अपनी सैलरी का 7% हर महीने उसमें डोनेट करते हैं, ताकि कभी आवश्यकता अनुसार किसी आपदा के समय में उस राशि का उपयोग किया जा सके। उन्होंने उपस्थित युवाओं और गणमान्यों से भी आह्वान किया कि वह भी अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा एक फंड के रूप में जरूर निकाले। जैसे सिख कम्युनिटी आपदा के समय एकजुट होकर आर्थिक सहयोग के लिए तत्पर रहते है, वैसे हिन्दू संगठनों को भी ऐसी एक शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत कोई भूखंड नहीं है ना कोई राजनीतिक इकाई है। भारत एक प्यास है सत्य को पाने की।
आर्य समाज हरियाणा में आज भी अपनी सक्रिय भूमिका में
प्रोफेसर अर्जुन सिंह कादियान ने कहा कि आर्य समाज हरियाणा में आज भी अपनी सक्रिय भूमिका में है।आर्य समाज ने भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के विचारों को जिंदा रखने के लिए अपना बहुत बड़ा रोल अदा किया, जिसकी बदौलत सनातन संस्कृति का असर बहुत से परिवारों में आज भी है। लेकिन ये भी सत्य है कि आज का युवा अपने धर्म और सनातन संस्कृति से विमुख होता जा रहा है। हमें जागरूक होने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि प्रो कादियान ने वर्ष 2020 में उन्होंने रथ फाउंडेशन की स्थापना की। जो एनवायरमेंट, एंपावरमेंट एंड एजुकेशन पर काम कर रहा है। फाउंडेशन द्वारा प्रदेश भर के विभिन्न शहरों में पौधारोपण एवं जल संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है। बेसहारा लोगों की हर संभव मदद कर रहें हैं, गौशालाओं में गौ माता की सेवा निरंतर जारी है। प्रो. अर्जुन सिंह कादियान अब तक चार पुस्तकें लिख चुके हैं हैं। पहली पुस्तक Land of the gods: The story of haryana, दूसरी NEERAJ CHOPRA : FROM PANIPAT TO THE PODIUM तीसरी The Modi Disruption-India in Transition और चौथी Power Pivots: Politics of Haryana in the 21st Century... चारों पुस्तकें राष्ट्रीय प्रकाशक द्वारा प्रकाशित हैं।
विज्ञान हमारे शास्त्रों के ज्ञान से प्रेरित
स्मार्ट से जुड़े अर्जुन ने भी अपने विचार रखे और बताया कि कैसे उनकी संस्था देश की जनता को, युवाओं को जागरूक कर रही है कि हम भारतीय किसी से कम नहीं। दूसरे देश हमें हीन महसूस कराने की कोशिश करते हैं, लेकिन भारत खुद में बहुत ज्ञान और गुणों का भंडार है, जिन आविष्कारों को आज विदेश अपना बता रहा है, वास्तव में वो भारतीय शास्त्रों में पहले से उल्लेखित हैं। विज्ञान हमारे शास्त्रों के ज्ञान से ही प्रेरित है। कार्यक्रम में यशवीर कादियान, गुणवीर सिंह कादियान, धीरज कपूर, अनीता, मधु, अनिरुद्ध, सहित शिक्षा जगत एवं प्रोफेशन से जुड़े लोग उपस्थित रहे।