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हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर गोपाल कांडा का नाम चर्चा में है। हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के नेता कांडा ने भाजपा के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। उन्होंने दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर 15 विधानसभा सीटों की मांग की है। यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।
कांडा की मांग और भाजपा की चिंता
गोपाल कांडा ने भाजपा के हरियाणा चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। इस बैठक में कांडा ने 15 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की इच्छा जताई। उनका कहना है कि जिन सीटों पर भाजपा को जीत मुश्किल लगती है, वहां हलोपा अपने उम्मीदवार खड़े कर सकती है। यह मांग भाजपा के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि पार्टी हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने की योजना बना रही थी।
कांडा का राजनीतिक प्रभाव
गोपाल कांडा का राज्य में, खासकर वैश्य और पंजाबी समुदाय में, अच्छा जनाधार है। वे सिरसा विधानसभा सीट से विधायक हैं और लंबे समय से भाजपा के समर्थक रहे हैं। कांडा ने भाजपा सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया है और लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का साथ दिया था। उनका यह प्रभाव भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
भाजपा की रणनीति
हालांकि भाजपा ने अभी तक कांडा की मांग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। पार्टी के कई नेता मानते हैं कि हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ना ही बेहतर रणनीति होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हाल ही में कहा था कि भाजपा राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी। लेकिन कांडा के इस कदम से पार्टी को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
आगे की राह
अब देखना यह होगा कि भाजपा कांडा की मांग पर कैसे प्रतिक्रिया देती है। अगर पार्टी उनकी मांग मान लेती है, तो यह राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। वहीं अगर भाजपा मना कर देती है, तो कांडा किस तरह की रणनीति अपनाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। कुछ भी हो, गोपाल कांडा ने अपने इस कदम से हरियाणा की राजनीति में नया रंग भर दिया है।
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