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हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज सिरसा में एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) मिलकर चुनाव लड़ेंगी।
सिरसा के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री सैनी ने सबसे पहले हलोपा सुप्रीमो और विधायक गोपाल कांडा के आवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने श्री तारा बाबा की कुटिया पर पूजा-अर्चना भी की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने इस गठबंधन की घोषणा करके सबको चौंका दिया।
गौरतलब है कि हाल ही में गोपाल कांडा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री और भाजपा के हरियाणा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में कांडा ने अपनी पार्टी के लिए 15 सीटों की मांग रखी थी। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, हलोपा को सिरसा और फतेहाबाद की 9 विधानसभा सीटों में से 5 सीटें मिल सकती हैं।
यह गठबंधन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। पहले, 2019 के विधानसभा चुनाव से पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी हलोपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। दूसरा, गोपाल कांडा के विवादित अतीत को देखते हुए यह फैसला चर्चा का विषय बन सकता है।
कांडा पर पहले कई आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें आत्महत्या के लिए उकसाना, आपराधिक साजिश, और धोखाधड़ी शामिल थे। हालांकि, पिछले साल उन्हें गीतिका आत्महत्या मामले से बरी कर दिया गया था। इस गठबंधन से स्थानीय भाजपा नेताओं को झटका लग सकता है। सिरसा की शहरी सीट से गोपाल कांडा की दावेदारी लगभग तय मानी जा रही है, जिससे भाजपा टिकट के अन्य दावेदारों को निराशा हो सकती है।
यह गठबंधन हरियाणा की राजनीति में एक नया समीकरण लाएगा। भाजपा के लिए यह स्थानीय स्तर पर मजबूती का कारण बन सकता है, वहीं हलोपा के लिए यह राज्य स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाने का अवसर है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस गठबंधन का क्या असर पड़ता है और विपक्षी दल इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
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