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Miss Universe Contestants प्राक्षी की दिली इच्छा थी कि वह अपनी जन्मभूमि को रिप्रेजेंट करे

Miss Universe Contestants प्राक्षी की दिली इच्छा थी कि वह अपनी जन्मभूमि को रिप्रेजेंट करे

मेरे अनुभवों ने मुझे सिखाया है कि मजबूत जड़ों वाला एक पेड़ सबसे बड़े तूफान का भी सामना कर सकता है, मैं अपने समुदाय/अपने शहर व प्रदेश की हर उस लड़की को प्रेरित करने की आकांक्षा रखती हूं जो मेरी तरह ऊंचा उठने के सपने देखने की हिम्मत करती है

Miss Universe Contestants Prakshi Goyal

पानीपत की रहने वाली प्राक्षी गोयल का मिस यूनिवर्स 2024 प्रतियोगिता के लिए चयन हो गया है। प्राक्षी गोयल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा द मिलेनियम स्कूल से की, तथा उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली के माता सुंदरी कॉलेज से साइकोलॉजी ऑनर्स से ग्रेजुएशन किया। 2022 में हुई मिस इंडिया प्रतियोगिता में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया, इस प्रतियोगिता के लिए हर राज्य से एक प्रतियोगी का चयन होता है।

परंतु प्राक्षी की दिली इच्छा थी कि वह अपनी जन्मभूमि को रिप्रेजेंट करे। प्राक्षी के पिता राजीव गोयल ने बताया की साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री कर रही प्राक्षी का चयन अब 2024 में आयोजित होने वाली मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के लिए हरियाणा से हुआ है। प्राक्षी का कहना है उसे गर्व है कि वह इस प्रतियोगिता के लिए अपने प्रदेश व देश का प्रतिनिधित्व करेगी।

अब हरियाणा की छोरियां छोरों से पीछे नहीं : प्राक्षी

गत दिवस प्राक्षी अपने परिवार से मिलने के लिए पानीपत पहुंची और मीडिया से रूबरू हुई। मीडिया से रूबरू होते हुए प्राक्षी गोयल ने ना केवल पानीपत वासियों से अपितु पूरे हरियाणा के लोगों से फाइनल मुकाबले में कामयाब होने के लिए अपने लिए आशीर्वाद और दुआ मांगी। प्राक्षी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अब हरियाणा की छोरियां छोरों से पीछे नहीं है तथा वह न केवल खेल में अपितु इस फैशन की दुनिया में भी आगे जा रही है।

इस समारोह में इनरव्हील क्लब की प्रधान मनाली पराशर व भूमिका गुप्ता ने प्राक्षी को बधाई दी तथा कहा की पानीपत की हर महिला को पानीपत की इस बेटी पर, इस मुकाम तक पहुंचने पर गर्व है। इस अवसर पर पानीपत ग्रामीण से चुनाव लड़ने के इच्छुक विजय जैन के सुपुत्र आर्यन जैन ने भी प्राक्षी को वहां पहुंच कर बधाई दी तथा कहा हमें गर्व है की पानीपत की बेटी ने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है।

मेरे अनुभव, जीवन की घटनाएं मुझे सशक्त बनाती रही

मेरे अनुभव, जीवन की घटनाएं मुझे अपनी राय देने और दूसरों के लिए खड़े होने के लिए सशक्त बनाती रही हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि किसी को भी मेरे कार्यों के परिणामों का सामना नहीं करना पड़े। मुझे अपने और अपने माता-पिता दोनों के लिए जिम्मेदारी से अपने सपनों का पीछा करने के महत्व का भी एहसास हुआ। मेरी मां, जो अपने घर में सबसे बड़ी बहन थीं और बाद में एक गृहिणी बन गईं, ने मुझमें निस्वार्थता, आत्मनिर्भरता और हर चीज को संभालने के लिए जिम्मेदार मूल्यों को स्थापित किया।

लड़कियां आश्चर्य से पूछती हैं कि मेरे माता-पिता ने मुझे इंडस्ट्री में कैसे आने दिया

इस बीच, मेरे पिता, सबसे छोटे और सबसे लाड़-प्यार करने वाले, ने मुझे एक मामूली जीवन जीना सिखाया। सभ्यता की शुरुआत के बाद से छोटे शहरों में मैंने पितृसत्तात्मक चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उनमें इस सुंदर संतुलन ने मुझे हमेशा दो छोटी बहनों की जिम्मेदारी के साथ अपने सपनों के बारे में दृढ़ रहना सिखाया है, जिनमें से सबसे छोटी बेटी है। मैं कई लड़कियों से मिलती हूं, जो मेरी संस्कृति को जानकर आश्चर्य से पूछती हैं कि मेरे माता-पिता ने मुझे इंडस्ट्री में कैसे आने दिया।

”अगर मैं कर सकती हूं, तो आप भी कर सकते हैं”

मैं यह कहकर जवाब देती हूं , यह अस्तित्वगत संकटों से भरी यात्रा रही है, मेरे माता-पिता को एक पुरुष उत्तराधिकारी की उम्मीद के कारण लगातार मेरे फैसलों पर सवाल उठाते हुए, और परिवार के दबाव के सामने मेरी पसंद पर सवाल उठाते हुए। हालांकि, मैंने आज अपने सबसे बड़े समर्थकों के रूप में अपने माता-पिता के साथ मार्ग प्रशस्त किया है, और व्यक्तिगत संघर्षों की यह यात्रा एक उदाहरण स्थापित करने के मेरे दृढ़ संकल्प को ईंधन देती है कि अगर मैं कर सकती हूं, तो आप भी कर सकते हैं। पोषण और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए मेरी वकालत के हिस्से के रूप में, मेरी वकालत पोषण और मानसिक कल्याण के बीच गहरा संबंध है।  

मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर और पोषण में डिप्लोमा

मनोविज्ञान में पृष्ठभूमि और वर्तमान में मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर और पोषण में डिप्लोमा के साथ, मैंने स्वास्थ्य पर तनाव के विनाशकारी प्रभाव को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया है। स्वस्थ पोषण ने मुझे, मेरे यहां तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे मेरे अंदर मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए सशक्त बनाने के मेरे जुनून को बढ़ावा मिला। मेरी माँ की आत्मनिर्भरता की शिक्षाओं और मेरे पिता के जीवन को पूर्णता से जीने के मंत्र से प्रेरित होकर, मेरा दृढ़ विश्वास है कि शारीरिक व मानसिक लचीलापन ही अंतिम शक्ति है।

”आकाश को भी छूने की चाहत है तो उसे भी छुआ जा सकता है”

मेरे अनुभवों ने मुझे सिखाया है कि मजबूत जड़ों वाला एक पेड़ सबसे बड़े तूफान का भी सामना कर सकता है। मैं अपने समुदाय/अपने शहर व प्रदेश की हर उस लड़की को प्रेरित करने की आकांक्षा रखती हूं जो मेरी तरह ऊंचा उठने के सपने देखने की हिम्मत करती है, लेकिन सामाजिक अपेक्षाओं के कारण अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने में झिझकती है। दृढ़ संकल्प और समर्थन की शक्ति के जीवित प्रमाण के रूप में, मुझे यह कहते हुए गर्व है कि अगर आपके पास आकाश को भी छूने की चाहत है तो उसे भी छुआ जा सकता है, कुछ भी संभव है, बस आपके अंदर जज्बा होना चाहिए।

अनेकों लोगों की आवाज़ बनने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं

2022 में मिस इंडिया में प्रतिभागी होने के बाद, अब मैं मिस यूनिवर्स के वैश्विक मंच पर विजयी वापसी के लिए तैयार हूं। मैं अपने राज्य, अपनी जड़ों और अपने अनुभवों का प्रतिनिधित्व करने और अपने जैसे उन अनेकों लोगों की आवाज़ बनने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं जो पितृ सत्तात्मक पृष्ठभूमि से आते हैं। मैं नई पीढ़ी की महिलाओं को अपनी ताकत, लचीलेपन को अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए, कांच की छत को तोड़ने और यथास्थिति को चुनौती देने के लिए तैयार हूं।

माता पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, तथा अपने बच्चों पर विश्वास करें

इसलिए,आत्म-छवि की वकालत करने के लिए मेरे दृष्टिकोण में कार्यशालाओं के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा देना और फैलाना शामिल है, न केवल बच्चों के लिए बल्कि उनके माता-पिता के लिए भी, उन्हें अपने बच्चों को संवेदनशीलता और देखभाल के साथ संभालने के लिए प्रोत्साहित करना, अपने बच्चों और खुद दोनों को महत्व देना, और हल्के और स्वस्थ महसूस करने के लिए स्वस्थ भोजन के साथ संबंध विकसित करना।

प्राक्षी ने मीडिया से बात करते हुए बताया की मॉडलिंग कोई गलत फील्ड नहीं है,आवश्यकता है कि माता पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे, तथा अपने बच्चों पर विश्वास करे। प्राक्षी ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने परिवार को दिया, जिन्होंने उसे इस मुकाम तक पहुंचने के सफर में हर प्रकार से मदद की।

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