सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार बिजली बिलों की आड़ में उपभोक्ताओं की जेब काटने में लगी हुई है, आज तक इस सरकार ने अपने कार्यकाल में एक भी बिजली संयंत्र नहीं लगाया और जो पहले से लगे थे हुए वे भी बंद होते जा रहे है, बिजली उत्पादन बढ़ने के बजाए कम हो गया है, अडानी को खुश करने के लिए उनके बिजली संयंत्रों से महंगी दरों पर बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं का शोषण किया जा रहा है। बिल के नाम पर उपभोक्ताओं को जो झटका दिया जा रहा है विधानसभा चुनाव में मतदाता भाजपा सरकार को उससे भी बड़ा झटका देगी।
कई-कई सालों तक किसानों के ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं लगते
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि कभी एफएसए बढ़ा दिया जाता है कभी कोई चार्ज लगा कर बिजली दरों को महंगा कर दिया गया है। उपभोक्ता बढ़ी हुई बिजली दरों से परेशान है, इतना ही नहीं गलत बिजली बिल लोगों के गले की फांस बने हुए है। जिसे ठीक करवाने के लिए सुविधा शुल्क तक देना पड़ता है, उन्होंने कहा कि कई-कई सालों तक किसानों के ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं लगते। सरकार किसानों को चोर समझती है। तार कट के नाम पर किसानों के बिजली कनेक्शन काट देती है।
प्रदेश से उद्योगों के पलायन का एक मुख्य कारण बिजली
उन्होंने कहा कि आज हरियाणा के गांवों में जो लंबे लंबे कट लग रहे हैं। इतना ही नहीं शहरों में लंबे लंबे कट लगाए जा रहे है फिर भी सरकार दावा करती है कि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं हैं। सरकार की कमजोर प्लानिंग की वजह से हरियाणा में बिजली व्यवस्था का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही की वजह से महंगी बिजली खरीदने और महंगी बिजली खरीदकर पावर कट झेलने के कारण प्रदेश के व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए प्रदेश से उद्योगों के पलायन का एक मुख्य कारण बिजली है। जिसकी वजह से बेरोजगारी भी बढ़ रही है।
भाजपा का कोई एक राज्य नहीं, जहां 24 घंटे बिजली आती है
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार न तो अपने पॉवर प्लांटों को ठीक करवाती है और न ही प्रदेश के लोगों को अच्छी बिजली मिले इसके लिए कोशिश कर रही है। भाजपा का कोई एक राज्य नहीं है, जहां 24 घंटे बिजली आती है।
उन्होंने कहा कि फतेहाबाद जिला के गांव गोरखपुर में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने परमाणु बिजली संयंत्र का शिलान्यास किया था, पर भाजपा सरकार ने उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया, ये भी नहीं पता ये संयंत्र कब चालू होगा। अगर समय पर यह चालू हो गया होता को प्रदेश को बिजली खरीदनी नहीं पड़ती, बल्कि बेची जा सकती थी। बिजली संकट से जूझ रहे लाखों लोगों ने सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए फिर भी प्रदेश में बिजली संकट बना हुआ है।
मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों- अरबों रुपए लगा दिए पर हालात पहले जैसे ही
इस सरकार ने शुरुआत में दावा किया था कि जिन घरों के ऊपर से बिजली की तारे जा रही है उन्हें हटाया जाएगा, उन्हें हटाना तो दूर तारों के नीचे आने वाले मकान मालिकों को नोटिस तक भेजे जा रहे है। सिरसा में छतों पर नीचे तक लटकती तारों से कई हादसे हुए, निगम ने तार हटाने के बजाए मकान मालिकों को नोटिस कर दिए थे। मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों- अरबों रुपए लगा दिए पर हालात पहले जैसे ही है। बिल के नाम पर उपभोक्ताओं को जो झटका दिया जा रहा है इस विधानसभा चुनाव में मतदाता भाजपा सरकार को उससे भी बड़ा झटका देंगे।
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