
सफीदों विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के बागी पूर्व विधायक जसबीर देशवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। नामांकन से पहले उन्होंने अनाज मंडी में सभा की। इसके बाद पूरे शहर में रोड शो करते हुए नामांकन दाखिल किया। देशवाल ने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है, लोगों का आशीर्वाद मिला तो सफीदों से बेरोजगारी मिटा कर ही दम लेंगे।
देशवाल ने दावा किया यदि वह विधायक बने तो सफीदों में आईएमटी इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप बनवाकर बेरोजगारी की समस्या को हमेशा के लिए खत्म किया जाएगा। एक्स्प्रेस वे 152-डी बनने के दौरान ही आईएमटी का मसौदा तैयार किया था। एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ आईएमटी में कई उद्योग धंधे स्थापित करवाए जाएंगे। योग्यतानुसार हर युवा को रोजगार मिलेगा।
देशवाल ने कहा ... यह उनका आखिरी चुनाव
देशवाल ने इस जनसभा में कहा कि उन्होंने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में सफीदों में 600 करोड़ से अधिक के विकास कार्य करवाए हैं। असंख्य युवकों को नौकरी दी है और दिलाई है। देशवाल ने कहा कि जब वह 2014 में विधायक बने थे तो करोड़ों रुपये के विकास कार्य करवाए गए थे। लोगों को पीने का पानी, सफीदों में सड़कों का निर्माण तथा हर गांव की सड़क को पक्का करवाया गया था।
भारी भीड़ से वोट की अपील करते हुए देशवाल ने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है और उनका लक्ष्य यह है कि उनका दशकों का औद्योगिक अनुभव उनके हलके के लोगों के काम आए। वहीं जनता द्वारा भी जसबीर को खासा समर्थन प्राप्त हो रहा है, जिससे जसबीर एक मजबूत स्थिति में नज़र आ रहे हैं।
सुषमा स्वराज की बहन डॉ वंदना शर्मा को हराकर विधायक बने थे जसबीर
उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वह सफीदों क्षेत्र में बड़ा औद्योगिक केंद्र स्थापित कराकर बेरोजगारी की समस्या को मिटा देंगे। देशवाल ने कहा कि इस बार लोग किसी के बहकावे में नहीं आएंगे और विकास करने वाले उम्मीदवार को वोट देंगे। बाहरी व काम न करने वाले उम्मीदवार को इस हलके पर कब्जा नहीं करने देंगे। समर्थकों को उन्होंने कहा कि चुनाव जीत लो जिस पार्टी की सरकार बनेगी वह खुद ही फिर आप लोगों के पास आएगी, फिर आप लोग सोचें आपको क्या करना है।
गौरतलब है कि साधारण पोल्ट्री फार्म मालिक से देश के विख्यात कुक्कुट उद्योगपति बने जसबीर देशवाल ने यहां से आजाद उम्मीदवार के तौर पर वर्ष 2014 का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बहन डॉ वंदना शर्मा को 1422 मतों से पराजित किया था। इसके बावजूद कि तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सफीदों के बड़े गांव मुवाना में वंदना के लिए सभा की थी और सुषमा स्वराज तो यहां कई दिन ठहरकर मतदाताओं से वंदना के लिए वोट की अपील करती रही थीं।
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