सफीदों के विधानसभा चुनाव में कुल 17 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख रूप से भाजपा के रामकुमार गौतम, कांग्रेस के सुभाष गांगोली, जजपा के सुशील कुमार, आप की निशा देशवाल, बसपा की पिंकी कुंडू तथा दो निर्दलीय पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य व पूर्व विधायक जसवीर देशवाल शामिल हैं। अभी तक के समीकरणों व हालातों के अनुसार सफीदों में चौकोणीय मुकाबला 4 पूर्व विधायकों में है, जिसमें पिछले कामों के विश्लेषण और व्यवहार को देखते हुए जसबीर देशवाल की अपने चुनाव पर अच्छी पकड़ नज़र आ रही है।
मैं जुबानी नहीं बोल रहा, रिकॉर्ड चेक कर सकते हो
सफीदों हलके के विभिन्न गांवों में चुनावी जनसभाओं के दौरान जसबीर देशवाल ने कहा कि 2014 में भी हलके ने ही चुना था और जिताया था और इस बार भी जनता ने ही अपनी टिकट देकर मैदान में उतारा है। हर हलका वासी से अपील है कि हर कोई अपने को व्यक्तिगत रूप से जसबीर देशवाल समझकर कर चुनाव लड़े। मैंने 2014 से 2019 के अपने कार्यकाल में सड़के बनवाई, टूटी सड़के ठीक करवाई, हलके में सबसे ज्यादा पीलूखेड़ा में पानी की समस्या थी।
उस समस्या के समाधान के लिए 42 टूबवेल लगवाए, कॉलेज, आईटीआई, स्कूल अपग्रेड कराए, पूरे हरियाणा में आज तक किसी भी प्लान में किसी भी विधायक ने अपने 5 साल के कार्यकाल में 1 पावर से ज्यादा नहीं लगवाए होंगे, किसी ने तो एक भी नहीं लगवाया होगा, लेकिन मैंने अपने हलके में 6 पावर हाउस लगवाए और ये मैं जुबानी नहीं बोल रहा, रिकॉर्ड चेक कर सकते हो, आजकल तो इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन भी रिकॉर्ड चेक कर सकते हैं। जसबीर ने कहा कि जिताना आप का काम और हलके में काम कराने की गारंटी मेरी।
सफीदों के चुनावी रण में कौन कौन हैं शामिल
नारनौंद के पूर्व विधायक रामकुमार गौतम को भाजपा ने सफीदों के चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने यहां के निवर्तमान विधायक सुभाष गांगोली को ही फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा टिकट के साथ लड़ा था, जिसमें वह कांग्रेस के सुभाष गांगोली से हार गए थे। इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह आजाद उम्मीदवार के रूप में पीले पटके के साथ चुनाव मैदान में हैं। यहां के पूर्व विधायक जसवीर देशवाल भी भाजपा समर्थक रहे हैं, लेकिन जब प्रबल दावेदारी के बावजूद टिकट हासिल करने में कामयाब नहीं हुए तो वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
देशवाल की मजबूती कांग्रेसी उम्मीदवार का वोटबैंक घटाती है
सफीदों में इस चौकोणीय मुकाबले में अजीब समीकरण हैं। दो-दो उम्मीदवारों के बीच जमा घटा का खेल है। इसमें आजाद बचन सिंह आर्य की मजबूती भाजपा को कमजोर करती है तो आजाद जसवीर देशवाल की मजबूती कांग्रेसी उम्मीदवार का वोटबैंक घटाती है।
कौन खुद कितना मजबूत होकर किसे, कितना कमजोर कर पाता है और जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है यह तो समय ही बताएगा फिलहाल चारों जीत का दावा कर रहे हैं। जजपा ने यहां के बहादुरगढ़ गांव के पूर्व सरपंच सुशील कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है। बसपा उम्मीदवार जिला जींद के निडानी गांव की पिंकी कुंडू हैं और आप ने अंबाला की निशा देशवाल को टिकट दिया है। ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक़ फिलहाल जसबीर देशवाल मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं।
तीन पूर्व विधायकों ऐलान : ये है उनका अंतिम चुनाव
सफ़ीदों का चुनाव दूसरे हलकों से अलग इसलिए भी है कि इन चार में से तीन पूर्व विधायक प्रत्याशी बड़ी उम्र के कारण सभाओं में घोषणा कर चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है। भाजपा के रामकुमार गौतम व दो आजाद प्रत्याशी बचन सिंह आर्य व जसवीर देसवाल मंच से उक्त घोषणा कर चुके हैं कि ये उनका आख़िरी इलेक्शन है।
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