हरियाणा में मतदान के बाद अब मतगणना का बेसब्री से इंतज़ार है। एग्जिट पोल्स सामने आते ही मतगणना से पहले सभी नेता अपने-अपने बयान दे रहे हैं और अन्य पार्टियों पर हमलावर हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा रविवार को दिल्ली के लिए रवाना पहुंचे। किसी अर्जेंट मसले पर हरियाणा प्रभारी दीपक बावरिया ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक हुड्डा की आज पार्टी आलाकमान से मुलाकात हो सकती है। हुड्डा की दिल्ली रवानगी और आलाकमान से इस मुलाकात को हरियाणा में कांग्रेस की सरकार आने की संभावना और सीएम पद पर चर्चाओं को लेकर देखा जा रहा है।
हुड्डा को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा
उल्लेखनीय है कि वैसे तो कांग्रेस में कई चेहरे हैं जो सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक रहे थे, पर उनमें से एक हुड्डा को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा रात में अपने दिल्ली स्थित आवास पर रुकेंगे, फिर वो सोमवार रोहतक लौटने से पहले पार्टी के आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं। दरअसल, हुड्डा के एक करीबी ने बताया कि वो रविवार शाम को रोहतक स्थित अपने आवास से दिल्ली के लिए रवाना हुए।
पार्टी में एक निर्धारित प्रक्रिया
गौरतलब है कि मीडिया ने जब हुड्डा से पूछा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, तो हुड्डा ने अपना पहले वाला बयान ही दोहराया कि पार्टी में एक निर्धारित प्रक्रिया है, जिसके हिसाब से “पार्टी विधायकों की राय ली जाएगी, जिसके बाद आलाकमान फैसला करेगा। जब मीडिया द्वारा उनसे सवाल किया गया कि कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं? तो इसके जवाब में हुड्डा ने कहा कि राजनीति ऐसी चीज है कि कोई भी आकांक्षा रख सकता है, लेकिन इसके लिए एक तय प्रक्रिया है, अंतिम फैसला आलाकमान का होता है।
शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए हरियाणा के मतदाताओं का आभार जताया
इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को रोहतक में अपने आवास पर पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की, जिसके बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए हरियाणा के मतदाताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल तो अब आए हैं वो पहले से कह रहे है कि इस बार लोगों ने कांग्रेस को भारी बहुमत से सत्ता में लाने का मन बना लिया है। क्योंकि लोगों ने कांग्रेस सरकार की 2005 से 2014 तक उपलब्धियों को देखा और फिर 2014 से 2024 तक बीजेपी-जेजेपी सत्ता की विफलताओं का देखा। इसलिए उन्होंने कांग्रेस को जिताने का फैसला किया।
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