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डीएपी की किल्लत पर बोलीं सैलजा - जीत के जश्न में डूबी भाजपा, किसानों की परेशानी से ज़रा भी सरोकार नहीं

डीएपी की किल्लत पर बोलीं सैलजा - जीत के जश्न में डूबी भाजपा, किसानों की परेशानी से ज़रा भी सरोकार नहीं

भाजपा सरकार ने डीएपी खाद की किल्लत को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जिससे यह सरकार किसान विरोधी होने का प्रमाण दे रही है

प्रतीकात्मक तस्वीर

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में किसानों को डीएपी खाद की भारी कमी के कारण हो रही समस्याओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि डीएपी की अनुपलब्धता के कारण किसान गेहूं की बिजाई में परेशानी का सामना कर रहे हैं। जो किसान अपने खेतों की सिंचाई कर चुके हैं, उन्हें अब डीएपी न मिलने की वजह से दोबारा सिंचाई करनी पड़ सकती है, जिससे बिजाई का समय और अधिक लेट हो जाएगा।

60 लाख से अधिक डीएपी के बैग की जरूरत

कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में 23 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में गेहूं की बिजाई होती है। जो देश के अन्न भंडारण में अहम योगदान देता है। अकेली गेहूं की फसल की बात करें तो इतने रकबे में बिजाई के लिए 60 लाख से अधिक डीएपी के बैग की जरूरत होती है। गेहूं की बिजाई अक्टूबर माह में ही शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को डीएपी का प्रबंध सितंबर माह में ही करना चाहिए था ताकि किसानों को बिजाई के समय में डीएपी की किल्लत का सामना न करना पड़े।

डीएपी का प्रबंध नहीं किया, बल्कि जीत के जश्न में डूबी भाजपा

कुमारी सैलजा ने कहा कि पर बीजेपी सरकार ने समय रहते डीएपी का प्रबंध नहीं किया बल्कि जीत के जश्न में डूबी हुई है। किसानों की परेशानी से भाजपा को जरा भी सरोकार नहीं है। किसानों की हितैषी बताने वाली बीजेपी सरकार को गेहूं की बिजाई के समय में डीएपी उपलब्ध करा कर किसान विरोधी सरकार होने का प्रमाण दे रही है। प्रदेश में बीजेपी क्षेत्र अनुसार भी किसानों के साथ भेदभाव कर रही है। अब 10 से अधिक समय पर सिरसा में मात्र 1381 एमटी डीएपी भेजी है जिससे 57 सोसायटी में पांच-पांच बैग ही मिले हैं जो ऊंट के मुंह में जीरा समान है। 

बिजाई तीन से चार सप्ताह लेट होगी, इससे उत्पादन कम होगा

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने किसानों को बिजाई के समय में बीजेपी से वंचित रख कर उनको आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाने का भी काम किया है। अब किसानों को सिंचाई के लिए दोबारा से डीजल की खपत करनी पड़ेगी और गेहूं की बिजाई तीन से चार सप्ताह लेट होगी, इससे उत्पादन कम होगा। किसानों को होने वाले नुकसान पर चिंता न जता कर बीजेपी नेता जश्न मनाने में मशगूल है।

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