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घर-घर की कहानी कहता 'दरारें'.. बिखरते परिवारों का 'सच'

घर-घर की कहानी कहता 'दरारें'.. बिखरते परिवारों का 'सच'

पाइट में चलो थिएटर महोत्सव का समापन, विकास बाहरी के नाटक का हुआ मंचन

प्रतीकात्मक तस्वीर

पानीपत के समालखा स्थित  पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (पाइट) में रास कला मंच सफीदों की ओर से आयोजित सात दिवसीय चलो थियेटर महोत्सव का दरारें नाटक के साथ समापन हो गया। आखिरी नाटक में घर-घर की कहानी को अभिनेताओं ने मंच पर उतार दिया।

आपसी द्वंद्व की वजह से बिखर रहे परिवारों के उस सच को दिखाया, जिसे आमतौर पर स्वीकार करने से सभी हिचकते हैं। प्रिज्म थिएटर सोसाइटी के संस्थापक विकास बाहरी ने इस नाटक का‍ निर्देशन किया। जतिन सरना जैसे सितारों से सुसज्जित इस नाटक के अंत में दर्शकों ने तालियों से सभी को सराहा। उत्सव के अंतिम दिन विजय जैन मुख्य अतिथि रहे। 

पिता बार-बार बेटे को कोसते हैं कि कोई जॉब क्यों नहीं मिल रहा

पिता और बड़े बेटे की नोकझोंक से शुरू होता है नाटक। पिता सरकारी नौकरी करते हैं, बेटा ग्रेजुएशन करने के बाद बेरोजगार है। पिता बार-बार बेटे को कोसते हैं कि कोई जॉब क्यों नहीं मिल रहा। इस वजह से बड़ा बेटा मानसिक तनाव में रहने लगता है। छोटा बेटा गलत संगत में फंस जाता है। वहीं, बेटी कॉलेज में एक युवक से प्रेम करती है, जो उनकी बिरादरी का नहीं होता। पिता इस रिश्ते को मानने से इंकार कर देते हैं।

कहानी एक ऐसी जगह पर आकर खड़ी हो जाती है, जहां सभी के सामने है एक दोराहा

बड़ा बेटा जब बिजनेस के लिए सात लाख रुपये मांगता है तो पिता कहते हैं कि उनकी रिटायरमेंट के रुपये से मकान बनवाएंगे। परिवार के लिए बीच इस पूरे द्वंद्व को अभिनेताओं ने मंच पर जिया। आखिर में जब पिता तय करते हैं कि वह रुपये अपने बच्चों में बांट देंगे, तब तक बच्‍चे उन रुपयों को घर से चुरा लेते हैं। कहानी एक ऐसी जगह पर आकर खड़ी हो जाती है, जहां सभी के सामने एक दोराहा है। उसी दोराहे पर खड़े सही और गलत का चुनाव करना ही नाटक दरारें का सार है।

2055 में 15वां चलो थिएटर होगा आयोजित

रास कला मंच के निदेशक रवि मोहन ने बताया कि अगले वर्ष अब 15वां चलो थियेटर उत्‍सव मनाया जाएगा। इस उत्सव में नेशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा की रेपर्टरी टीम ने लगातार पांच नाटक प्रस्तुत किए। दो दिन रास कला मंच और प्रिज्म थियेटर सोसाइटी ने नाटक प्रस्तुत किए। संस्कृति मंत्रालय एवं हरियाणा कला परिषद का भी योगदान रहा। पाइट के चेयरमैन हरिओम तायल ने सभी रंगकर्मियों का सम्‍मान किया। सचिव सुरेश तायल व वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने कहा कि पाइट में चलो थियेटर उत्सव प्रत्येक वर्ष मनाया जा रहा है। 

हरियाणा के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं

रंगकर्मियों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अभिनय क्षेत्र में भी करियर की अपार संभावनाएं हैं। पानीपत की विभिन्‍न संस्‍थाओं के सदस्‍यों ने नाटक उत्सव देखा है। विजय जैन ने कहा कि हरियाणा के रास कला मंच ने पूरे भारत में हरियाणा का नाम रोशन किया है। थिएटर कला को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। हरियाणा के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। जरूरत है तो उन्हें इस तरह के मंच की। पाइट के डीन डॉ.बीबी शर्मा ने मंच संचालन किया।

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