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The Haryana Story | प्रदेश की तहसीलों में 'भ्रष्ट' तहसीलदारों व स्टाफ पर कार्रवाई के मूड में सरकार, लंबी 'लिस्ट' तैयार, कभी भी गिर सकती है गाज

प्रदेश की तहसीलों में 'भ्रष्ट' तहसीलदारों व स्टाफ पर कार्रवाई के मूड में सरकार, लंबी 'लिस्ट' तैयार, कभी भी गिर सकती है गाज

हरियाणा की तहसीलों में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार अब सख्त हो गई

प्रतीकात्मक तस्वीर

तहसीलों में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार बेहद आम हो चुका है जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि औसतन हर सप्ताह प्रदेश की किसी न किसी तहसील में किसी कर्मचारी द्वारा रिश्वत लेने का मामला रिपोर्ट हो ही जाता है। हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो के आंकड़ों से भी स्पष्ट पता चलता है कि भ्रष्टाचार के मामलों के मामलों में प्रदेश की तहसीलों में कार्यरत अधिकारी और स्टाफ के काफी मामले हैं।

अंदरूनी रिपोर्ट सामने आई, मच गया हड़कंप

अप्रैल माह में ही दो नए मामलों में गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र के नायब तहसीलदार को निलंबित कर दिया है। इसको लेकर राजस्व विभाग के बेहद सीनियर अधिकारी ने बताया कि सरकार जल्द ही भ्रष्टाचार में संलिप्त नायब तहसीलदारों और तहसीलदारों पर किसी भी समय बड़ी कार्रवाई कर सकती है। जनवरी माह में प्रदेश राजस्व विभाग की प्रदेश भर के सभी जिलों के भ्रष्ट पटवारियों विभाग को लेकर एक अंदरूनी रिपोर्ट सामने आई थी जिसके चलते हड़कंप मच गया था। 

भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार अब सख्त हो गई

अब इसी कड़ी में यह सामने आया कि सरकार नायब तहसीलदार और तहसीलदारों जो कि भ्रष्टाचार में संलिप्त है पर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। हरियाणा की तहसीलों में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार अब सख्त हो गई है।

जिस तरह से सरकार और एंटी करप्शन ब्यूरो ने तहसीलों में भ्रष्टाचार के मामलों में तैनात स्टाफ और अधिकारियों पर शिकंजा कैसा है उससे साफ पता चलता है कि तब अगली तैयारी नियमों को तोड़ने वाले और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे नायब तहसीलदार और तहसीलदारों के खिलाफ है। पिछले कुछ समय में हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा रेवेन्यू और अन्य विभागों में तैनात नायब तहसीलदार और तहसीलदारों पर भी कई दफा अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। 

कभी भी कार्रवाई कर सकती है सरकार

रेवेन्यू विभाग के सीनियर अधिकारी ने बताया कि बिचौलिए, पटवारी और नायब तहसीलदार और तहसीलदारों की मिली भगत के चलते भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है जो एंटी करप्शन ब्यूरो के आंकड़ों से भी साफ पता चलता है। ऐसे में अब पटवारी के बाद सरकार जिन नायब तहसीलदारों और तहसीलदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत हैं, के खिलाफ कभी भी कार्रवाई कर सकती है। राजस्व विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक खुफिया इनपुट से तहसीलदारों के खिलाफ कार्रवाई के तार रजिस्ट्री घोटाले से भी जुड़ रहे हैं। 

जिन तहसीलदारों ने नियम ताक पर रख आय से अधिक संपत्ति जुटाई उनके खिलाफ भी कार्रवाई तय

यह घोटाला जुलाई 2020 में कोरोना काल के दौरान हुआ था तब सरकार ने विशेष जांच समिति गठित की थी। साथ उन्होंने बताया कि जिन तहसीलदारों और रजिस्ट्री क्लर्क के खिलाफ रिश्वतखोरी और नियम ताक पर रखने की शिकायत आई है उनके बारे में जानकारी जुटाई गई। इसके अलावा तहसीलदारों की संपत्ति और प्रॉपर्टी भी सरकार और विभाग नजर बनाए हुए है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में तहसीलदारों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत भी रिपोर्ट हुई हैं। ऐसे में जिन तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने नियम ताक पर रख आय से अधिक संपत्ति जुटाई है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। 

करीब 50 तहसीलदारों पर हो सकती है कार्रवाई

प्राप्त जानकारी में सामने आया है कि शुरुआती तौर पर राजस्व विभाग द्वारा करीब 50 तहसीलदारों पर कार्रवाई की जा सकती है। पूर्व में रूल 7अ का उल्लंघन कर बिना नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) के जमीनों की रजिस्ट्री करने का मामला पहले भी सरकार के पास आया था। तब तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। मगर, इसके बाद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। हरियाणा में कोरोना दौर में हुए रजिस्ट्री घोटाले की जांच में 232 अधिकारियों-कर्मचारियों को संलिप्त पाया गया था जिनमें 34 तहसीलदार नायब तहसीलदार, 176 पटवारी और 22 लिपिक शामिल रहे।

22 लिपिकों व 176 पटवारियों को रजिस्ट्री घोटाले में संलिप्त पाया गया

इन सभी पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई थी। तत्कालीन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने इनके खिलाफ अंडर रूल-7 के तहत प्रशासनिक कार्रवाई के आदेश दिए थे। उस समय सरकार को कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान और बीते वर्षों में गलत तरीके से रजिस्ट्रियां होने की शिकायतें मिली थीं। मंडलायुक्त स्तर की जांच में गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, करनाल, कैथल व पानीपत जिला के 34 सब-रजिस्ट्रार व ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार (तहसीलदार-नायब तहसीलदार ) के अलावा 22 लिपिकों व 176 पटवारियों को रजिस्ट्री घोटाले में संलिप्त पाया गया।

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