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The Haryana Story | कृषि मंत्री ने सेमग्रस्त जमीन का सर्वे कर 'मछली पालन की संभावनाएं' तलाशने के दिए निर्देश, किसान हित के कई मुद्दों पर चर्चा

कृषि मंत्री ने सेमग्रस्त जमीन का सर्वे कर 'मछली पालन की संभावनाएं' तलाशने के दिए निर्देश, किसान हित के कई मुद्दों पर चर्चा

अधिकारियों से फसलों के बीज के लिए दिए जा रहे अनुदान के बारे में विस्तार से बात की और निर्देश दिए कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने चंडीगढ़ में आयोजित कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि कृषि विभाग की सभी योजनाओं के लिए निर्धारित किए गए बजट का पूरा सदुपयोग करें, ताकि किसानों को उनका लाभ मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने सेमग्रस्त जमीन का ताजा सर्वे करके उस क्षेत्र में मछली पालन की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजशेखर वुंडरू के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

बजट की कमी नहीं रहने दी जाएगी

मंत्री श्याम सिंह राणा ने मृदा संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्य तथा आगामी फसल की बुआई के सीजन को देखते हुए खाद की उपलब्धता की तैयारियां की भी समीक्षा की और अधिकारियों को इस दिशा में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से फसलों के बीज के लिए दिए जा रहे अनुदान के बारे में विस्तार से बात की और निर्देश दिए कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने आगे कहा कि कृषि विभाग के तहत किसानों के हित के लिए जितनी योजनाएं चलाई गई हैं उन सभी का लाभ किसानों को मिलना चाहिए, बजट की कमी नहीं रहने दी जाएगी। 

तालाब बनाकर मछली पालन के लिए पंचायत को प्रोत्साहित करें

कृषि मंत्री ने प्रदेश में सेमग्रस्त भूमि के बारे में जानकारी लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस वर्ष एक लाख हेक्टेयर भूमि को सेम-मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, कोशिश करें कि लक्ष्य से अधिक कार्य हो। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चरखी दादरी, सिरसा और फतेहाबाद जिला को पूर्ण रूप से सेम मुक्त किया जाए और अन्य जिलों में भी इस कार्य में सक्रियता बढ़ाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि कुछ गांवों की सेमग्रस्त पंचायती-भूमि में मॉडल के तौर पर तालाब बनाकर मछली पालन के लिए पंचायत को प्रोत्साहित करें। 

जिस सेमग्रस्त भूमि में मछली पालन संभव नहीं, उस क्षेत्र में लगाया जा सकता है सफेदा 

अगर सकारात्मक परिणाम आये तो इस मॉडल को राज्य के अन्य किसानों, जिनकी जमीन में सेम आई हुई है और कृषि नहीं हो पा रही है, को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस सेमग्रस्त भूमि में मछली पालन संभव नहीं है और पानी हमेशा रुका हुआ रहता है तो उस क्षेत्र में सफेदा का पौधा लगाया जा सकता है ताकि जलस्तर सही लेवल पर आ सके।

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