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The Haryana Story | करीब 34 हजार करोड़ रुपए की लागत से दिल्ली से करनाल तक दौड़ेगी रैपिड ट्रेन, बीच में होंगे 10 स्टेशन, लोगों को बेसब्री से इंतजार

करीब 34 हजार करोड़ रुपए की लागत से दिल्ली से करनाल तक दौड़ेगी रैपिड ट्रेन, बीच में होंगे 10 स्टेशन, लोगों को बेसब्री से इंतजार

एन.सी.आर.टी.सी. की टीम के अधिकारी जयवीर रंगा ने समालखा में की अधिकारियों के साथ मीटिंग

प्रतीकात्मक तस्वीर

दिल्ली के जंगपुरा से लेकर करनाल तक रैपिड रेल दौड़ेगी, इसको लेकर बुधवार को अधिकारियों के द्वारा समालखा में भी सर्वे किया गया। 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली यह रैपिड ट्रेन हाई स्पीड की होगी, दिल्ली से करनाल तक करीब 135 किलोमीटर की दूरी के बीच के इस प्रोजेक्ट पर 34000 करोड़ रुपए की लागत का खर्च आने की संभावना है।

निर्माण कार्य किए जाने में करीब 5 साल का समय लग जाएगा

हाई स्पीड रैपिड ट्रेन पर कितने स्टेशन होंगे, कहां से यह शुरू होगी, कौन-कौन से स्टेशन होंगे और इसको लेकर काफी जानकारियां देने के लिए बुधवार को एन.सी.आर.टी.सी. नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की टीम से जुड़े तहसीलदार जयवीर रंगा ने समालखा में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस ट्रेन का निर्माण कार्य किए जाने में करीब 5 साल का समय लग जाएगा और दिल्ली के जंगपुरा से सराय कालेखा, आई.एस.बी.टी. और मधुबन चौक से होते हुए यह ट्रेन करनाल पहुंचेगी। 

सबसे पहले इसका रेलवे स्टेशन कुंडली में होगा

जंगपुरा से लेकर करनाल तक हरियाणा में सबसे पहले इसका रेलवे स्टेशन कुंडली में होगा, कुंडली के बाद बहालगढ़, मुरथल, बड़ी, गन्नौर व समालखा स्टेशन होगा और समालखा के बाद पानीपत, घरौंडा और करनाल इसके स्टेशन होंगे, इतना ही नहीं जयवीर रंगा ने भी बताया कि इन स्टेशनों में बदलाव भी किया जा सकता है इनमें कुछ जगहों पर स्टेशन बढ़ाने का काम भी किया जा सकता है, उसकी भी प्रपोजल रही है। 

👆एन.सी.आर.टी.सी. की टीम के अधिकारी जयवीर रंगा 

सिवाह से आगे और पानीपत के पार होने तक यह ट्रेन अंडरग्राउंड करने का विचार

उन्होंने बताया कि जिस तरह से हम इसको लेकर सर्वे कर रहे हैं उसे सर्वे के अनुसार अब तक जो प्रपोजल तैयार की गई है उस प्रपोज में समालखा से लेकर जब यह रैपिड ट्रेन करनाल की ओर जाएगी तो सिवाह से आगे और पानीपत के पार होने तक यह ट्रेन अंडरग्राउंड करने का विचार किया जा रहा है, कुल मिलाकर उन्होंने बताया कि दिल्ली से लेकर करनाल तक केवल सिवाह से पानीपत को छोड़कर सभी जगह यह रैपिड ट्रेन पिलरों पर चलेगी। 

जी.टी. रोड के साथ-साथ इसकी लाइन बनाई जाएगी

उन्होंने बताया कि जी.टी. रोड के साथ-साथ इसकी लाइन बनाई जाएगी और इसके लिए अगर इस बीच कोई सरकारी जगह आती है तो उसके लिए भी प्रपोजल तैयार की जा रही है, अन्यथा नेशनल हाईवे की जितनी भी भूमि इसके अंदर आएगी वहां से इसके पिलरों को खड़ा किया जाएगा, कुल मिलाकर उन्होंने यह भी बताया कि अगर किसी गांव की पंचायत की जगह भी इस लाइन के अंतर्गत आती है तो उसके लिए भी बहुत ही गहनता से संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वैसे फिलहाल तक अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद बताया गया कि इस हाई स्पीड रैपिड ट्रेन के दौड़ने में करीब 5 साल का समय लग सकता है।

एक से डेढ़ घंटे के बीच में करनाल पहुंचेगी

गौरतलब है कि फिलहाल अपनी गाड़ी या रोडवेज विभाग की गाड़ी में सफर करके करनाल से दिल्ली जाना होता है तो उसमें करीब ढाई घंटे का समय लगता है, लेकिन जब रैपिड रेल शुरू हो जाएगी तो निश्चित रूप से यह एक से डेढ़ घंटे के बीच में करनाल पहुंचेगी, करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली यह ट्रेन दिल्ली से पानीपत या पानीपत से दिल्ली जाने वाले लोगों की पहली पसंद बन जाएगी और लोगों को इसका इंतजार भी हो रहा है, क्योंकि फिलहाल अगर समालखा की बात की जाए तो समालखा से हर रोज सैकड़ो की संख्या में वह लोग जाते हैं। 

आंकड़ा कई सौ की संख्या में, जो समालखा से दिल्ली की ओर जाते

जो हर रोज समालखा से दिल्ली अपना कारोबार करने के लिए जाते हैं, इसके अलावा सैकड़ो की संख्या में लोग ऐसे भी हैं जो प्राइवेट जॉब करने के लिए जाते हैं और अगर सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों की बात की जाए तो सैकड़ों से अधिक की संख्या में कर्मचारी और अधिकारी ऐसे भी हैं जो हर रोज समालखा से दिल्ली जाते हैं, यानी अगर कुल मिलाकर इनका आंकड़ा तैयार किया जाए तो यह आंकड़ा कई सौ की संख्या में पहुंच जाएगा जो समालखा से दिल्ली की ओर जाते हैं और इसमें कुछ लोग बसों में जाते हैं। 

कुछ लोग रेलगाड़ी में जाते हैं तो काफी सारे लोग ऐसे भी हैं जो अपने वाहन लेकर जाते हैं, यानी अगर आंकड़े के हिसाब से लगाया जाए तो कई हजारों का तेल गाड़ियों में हर रोज लग जाता है और इसमें लोगों का आर्थिक रूप से पैसा भी लगता है और समय भी खराब होता है, लेकिन जब यह ट्रेन चल जाएगी तो निश्चित रूप से लोग अपनी गाड़ियां लेकर नहीं जाएंगे, ट्रेन में नहीं जाएंगे, बस में नहीं जाएंगे और वह रैपिड ट्रेन में ही जाना पसंद करेंगे, क्योंकि इससे उनका आर्थिक रूप से काफी फायदा होगा और उनका समय भी बचेगा। 

यह ट्रेन करनाल तक आएगी और इससे लोगों को ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा

हालांकि यह भी पता चला है कि पहले यह नमो भारत हाई स्पीड रैपिड ट्रेन पानीपत तक आनी थी, लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच में एक बैठक हुई थी और इसको पानीपत की बजाय करनाल तक विस्तार करने पर चर्चा की गई थी और इसके लिए इसका सर्वे भी किया गया था, अब लोग संभावनाएं लगा रहे हैं कि यह ट्रेन करनाल तक आएगी और इससे लोगों को ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा।

👆 पानीपत जी.टी. रोड के बराबर का वह रास्ता जहां से रैपिड ट्रेन ट्रैक बनाने के लिए किया गया सर्वे

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