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The Haryana Story | एसवाईएल को लेकर दोनों राज्यों के सीएम बोले - यह 'मुद्दा' खत्म होना चाहिए, क्योंकि ज्यादा लंबा समय हो चुका

एसवाईएल को लेकर दोनों राज्यों के सीएम बोले - यह 'मुद्दा' खत्म होना चाहिए, क्योंकि ज्यादा लंबा समय हो चुका

एसवाईएल को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री हुई हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की चर्चा, अगली बैठक 5 अगस्त को

प्रतीकात्मक तस्वीर

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल की अध्यक्षता में बुधवार को नई दिल्ली में एसवाईएल को लेकर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की सौहार्दपूर्ण माहौल में सार्थक चर्चा हुई। बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा केन्द्रीय सचिव देबाश्री मुखर्जी, हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल सहित सिंचाई विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

अगली बैठक 5 अगस्त को आयोजित की जाएगी

बैठक में निर्णय लिया गया कि अगली बैठक 5 अगस्त को आयोजित की जाएगी। बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज की बैठक में सार्थक चर्चा हुई है और पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी यह कहा है कि यह मुद्दा खत्म होना चाहिए, क्योंकि ज्यादा लंबा समय हो चुका है। नायब सिंह सैनी ने कहा कि इस विषय पर सही परिणाम अवश्य निकलेंगे। पंजाब व हरियाणा दोनों भाई हैं और आज भी आपसी प्यार व भाईचारे के साथ एक ही आंगन में रहते हैं। अगली बैठक में बातचीत से अवश्य ही बेहतर हल निकलेगा और इसके सकारात्मक परिणाम आएगें।

साल 2004 में तो कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि.....
 
बता दें कि सतलुज यमुना लिंक नहर यानी एसवाईएल का निर्माण साल 1982 में शुरू हुआ था। साल 1990 में इसका काम बंद हो गया। इस मामले को लेकर 1996 में हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने साल 2002 में नहर के निर्माण को पूरा करने के निर्देश दिए। वहीं, साल 2004 में तो कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि अगर पंजाब इसका निर्माण नहीं करता तो केंद्र सरकार खुद इस पर काम करे।
 
SYL नहर विवाद पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर दशकों पुराना
 
वहीं पंजाब के पूर्व सीएम कप्तान अमरिंदर सिंह ने साल 2004 में जल समझौतों को रद्द कर दिया, तो अकाली दल की सरकार ने साल 2016 में नहर के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया था, उसे डि- नोटिफाई कर दिया। ऐसे में SYL नहर विवाद पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर दशकों पुराना है। यह नहर सतलुज और यमुना नदियों को जोड़ने के लिए प्रस्तावित है, जिसका उद्देश्य दोनों राज्यों के बीच जल संसाधनों का समान वितरण करना है। हालांकि, इस मुद्दे पर दोनों राज्यों के बीच मतभेद बने हुए हैं, जिसके कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। 13 अगस्त को सुनवाई होनी है। 
 
 
 

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