रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को भरोसा जताया कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को बिना किसी आक्रामक कदम के वापस हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि अब वहां के लोग खुद ही मौजूदा शासन से आजादी की मांग कर रहे हैं। राजनाथ सिंह मोरक्को में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा, पीओके तो अपने आप हमारा हो जाएगा। आपने सुना होगा कि वहां अब आवाजें उठ रही हैं, नारे लग रहे हैं।
पीओके खुद कहेगा- मैं भी भारत हूं
रक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने पांच साल पहले भी ऐसी ही बात कही थी, जब वह जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, मैं पांच साल पहले कश्मीर घाटी में सेना के एक कार्यक्रम में बोल रहा था। तब भी मैंने कहा था कि हमें पीओके पर हमला करके कब्जा करने की जरूरत नहीं होगी। वह तो पहले से हमारा है। पीओके खुद कहेगा- मैं भी भारत हूं। वो दिन जरूर आएगा। राजनाथ सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कई लोग सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीओके पर कब्जा करने का मौका गंवा दिया है।
हम दुनिया में कहीं भी रहें, यह नहीं भूलना चाहिए कि हम भारतीय हैं
यह सैन्य अभियान सात मई को शुरू हुआ था, जिसमें भारत ने कई पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। इसके अलावा, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई सैन्य ठिकानों को तबाह किया गया था। भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, हमारा भारत के प्रति समर्पण, स्नेह और प्रेम स्वाभाविक है। हम दुनिया में कहीं भी रहें, यह नहीं भूलना चाहिए कि हम भारतीय हैं। भारतीय होने के नाते हमारी जिम्मेदारियां भी दूसरों से अलग होती हैं।
पहले जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कुछ कहता था, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता था
अगर हम मोरक्को में अपनी रोजी- रोटी कमा रहे हैं अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं, तो मोरक्को के साथ कोई बेईमानी नहीं होनी चाहिए, यही भारत का स्वभाव है। उन्होंने कहा, मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आप सभी भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा को महसूस कर पा रहे हैं। पहले जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कुछ कहता था, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता था।
रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
रक्षा मंत्री ने बताया कि मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लौदियी के साथ एक अत्यंत उपयोगी बैठक हुई और हमने रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। पिछले कुछ वर्षों में मोरक्को के साथ भारत के संबंध उल्लेखनीय रूप से प्रगाढ़ हो रहे हैं। हमने आतंकवाद-रोधी प्रयासों, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और क्षमता निर्माण सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
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