शुक्रवार 3 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण के आदेश से विस सचिव राजीव प्रसाद, जो हालांकि विधानसभा सचिवालय के नियमित अधिकारी नहीं बल्कि 2016 बैच के हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) हैं एवं जो गत दो माह से प्रदेश सरकार से विधानसभा सचिवालय में डेपुटशन (प्रतिनियुक्ति) पर हैं, के हस्ताक्षर से जारी एक नोटिफिकेशन मार्फत विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम संख्या 2 के अंतर्गत सदन में प्रमुख विपक्षी दल अर्थात 37 सदस्ययी कांग्रेस विधायक दल के हाल ही में पार्टी हाईकमान द्वारा नामित नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को वर्तमान 15वीं हरियाणा विस सदन में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर 3 अक्टूबर 2025 की तारीख से ही मान्यता प्रदान कर दी गई है।
छ: दशकों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ
हरियाणा प्रदेश के छ: दशकों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि स्पीकर द्वारा नेता प्रतिपक्ष को मान्यता देने संबंधी विधिवत नोटिफिकेशन जारी की गई हो। वर्ष 2022 में जब हेमंत कुमार ने हरियाणा विधानसभा सचिवालय में एक आरटीआई याचिका दायर की तब तक हरियाणा विस में रह चुके सभी विपक्ष के नेताओं को तत्कालीन विस स्पीकरों द्वारा नेता प्रतिपक्ष के तौर को मान्यता देने करने सम्बन्धी सभी गजट अधिसूचनाओं की कॉपी मांगी, तो विस सचिवालय द्वारा उन्हें लिखित तौर पर बताया गया कि हरियाणा विस में नेता प्रतिपक्ष के पदांकन संबंधी प्रदेश के सरकारी गजट में कोई नोटिफिकेशन प्रकाशित नहीं की जाती है। विस सचिवालय से प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य विभाग को केवल एक पत्र भेजकर इस बारे में सूचित कर दिया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष के बारे में कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी की गई थी
आरटीआई के जवाब में नेता प्रतिपक्ष रह चुके 15 नाम दिए गए आरटीआई जवाब में विस द्वारा तब तक हरियाणा विस के नेता प्रतिपक्ष रह चुके कुल 15 व्यक्तियों के नाम भी दिए गए जिसमें भूपेंद्र हुड्डा का तीन बार जबकि ओम प्रकाश चौटाला का नाम दो बार शामिल था। उसके अतिरिक्त प्रताप सिंह दौलतपुर, हरद्वारी लाल, देवी लाल, मूल चंद जैन, चन्द्रावती, सूरज भान, संपत सिंह, बंसी लाल, भजन लाल और अभय चौटाला का नाम था। इस सभी के नेता प्रतिपक्ष के बारे में कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी की गई थी।
कम से कम सदन की गणपूर्ति की संख्या के बराबर संख्या हो
यह भी अत्यंत आश्चर्यजनक है कि केवल आज से साढ़े चार वर्ष पूर्व मार्च, 2021 में ही पहली बार विस सदन की प्रक्रिया नियमावली में संशोधन कर नियम संख्या 2 में प्रतिपक्ष के नेता को परिभाषित कर उसे शामिल किया गया, जिससे अभिप्राय है सदन में ऐसे बड़े विधायक दल का नेता जिसके सदस्यों की संख्या सरकार का गठन करने वाले दल/दलों को छोड़कर सबसे अधिक हो तथा कम से कम सदन की गणपूर्ति की संख्या के बराबर संख्या हो तथा विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) द्वारा यथा मान्यता प्राप्त हो।
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