आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार की आत्म हत्या के चार दिन बाद भी उनके शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। पुरन कुमार की आईएएस पत्नी व परिवार के लोग डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनियां की गिरफ्तारी पर अड़े हुए हैं। हालांकि गुरुवार देर को चंडीगढ़ पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया। इतना ही नहीं आईजी के नेतृत्व में 6 अधिकारियों की एक कमेटी भी मामले की जांच के लिए गठित की है। आईएएस अमनीत पी कुमार ने एफआईआर पर एतराज जताया है और इसको बदलने की मांग भी की है। लेकिन चंडीगढ़ के डीजीपी एफआईआर को बदलने से मना कर दिया।
सामाजिक संगठनों के 31 लोगों की एक कमेटी बनाई गई
अब बताया जा रहा है कि कुछ सामाजिक संगठनों के 31 लोगों की एक कमेटी बनाई गई है जो मामले में आगामी फैसला लेगी। परिवार ने भी साफ कर दिया है कि जब तक डीजीपी कपूर और नरेंद्र बिजारणिया को गिरμतार नहीं किया जाता तब तक न तो पोस्टमार्टम करवाया जाएगा और नहीं अंतिम संस्कार होगा। शुक्रवार को दिन में तीन बार हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और गृह सचिव सुमिता मिश्रा अमनीत पी कुमार को मनाने के लिए उनके घर पर गए लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक वह किसी प्रकार की बात पर अमल नहीं करेंगे।
आईजी पुष्पेंद्र कुमार की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एसआईटी गठित
इससे पहले गुरुवार रात को आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस में चंडीगढ़ पुलिस ने मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया सहित 15 प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सेक्टर-11 थाने में 156 नंबर एफआईआर दर्ज की। इसमें भारत न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराएं 108, 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) लगाई गई हैं। बताया जा रहा है कि यह हरियाणा के इतिहास का पहला मौका है जब राज्य के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ सामूहिक रूप से इतनी बड़ी एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट को आधार मानते हुए कार्रवाई की गई। एसआईटी गठित, आईजी के हाथ में जांच की कमान चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए आईजी पुष्पेंद्र कुमार की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी है।
जल्दी से जल्दी सबूत जुटाने और पूरी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
एसआईटी को जल्दी से जल्दी सबूत जुटाने और पूरी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जांच में पारदर्शिता बनी रहे, यही हमारी प्राथमिकता है। परिवार का विरोध, एफआईआर के फॉर्मेट पर आपत्ति आईपीएस पूरन कुमार की कअर पत्नी अमनीत पी. कुमार ने एफआईआर पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि इसमें आरोपियों के नाम अलग कॉलम में स्पष्ट नहीं लिखे गए हैं और एफआईआर को निर्धारित फॉर्मेट में दर्ज किया जाए। परिवार की सहमति न मिलने के कारण चौथे दिन भी पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया। अमनीत का कहना है कि जब तक एफआईआर को सही तरीके से दर्ज कर भरोसा नहीं दिलाया जाएगा, तब तक वे पोस्टमॉर्टम की अनुमति नहीं देंगी।
एसआईटी जल्द ही सुसाइड नोट, फोन रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल शुरू करेगी
एनसीएससी चेयरमैन ने किया हस्तक्षेप राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन अशोक मकवाना ने अमनीत पी. कुमार से मुलाकात कर कहा कि आयोग परिवार के साथ खड़ा है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। सरकार ने पूरन कुमार के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है। वहीं, विपक्ष ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है। राजनीतिक गलियारों से लेकर प्रशासनिक हलकों तक इस मामले ने हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि एसआईटी जल्द ही सुसाइड नोट, फोन रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल शुरू करेगी। परिवार की आपत्तियों को देखते हुए पुलिस पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पर विचार कर सकती है। राज्य सरकार व गृह विभाग जांच रिपोर्ट के बाद अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई तय करेंगे।
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