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The Haryana Story | यमुना किनारे रास्ते को लेकर हरियाणा-यूपी आमने-सामने, सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट से सुलझेगा विवाद

यमुना किनारे रास्ते को लेकर हरियाणा-यूपी आमने-सामने, सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट से सुलझेगा विवाद

मामला यमुना नदी के किनारे बने पुल से सटे एक रास्ते के स्वामित्व को लेकर है, जिस पर दोनों राज्य अपना-अपना दावा कर रहे हैं

करनाल में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच एक बार फिर सीमा विवाद सामने आया है। मामला यमुना नदी के किनारे बने पुल से सटे एक रास्ते के स्वामित्व को लेकर है, जिस पर दोनों राज्य अपना-अपना दावा कर रहे हैं। सीमांत क्षेत्र की जमीन और रास्ते को लेकर दोनों राज्यों के प्रशासन के बीच पत्राचार जारी है, लेकिन विवाद अब भी बरकरार है। मंगलवार को इस विवादित क्षेत्र का संयुक्त निरीक्षण होना तय था, जिसमें दोनों राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों को पहुंचना था।

हरियाणा प्रशासन के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे

हालांकि, हरियाणा प्रशासन के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जबकि उत्तर प्रदेश के ऊन उपमंडल के एसडीएम संदीप त्रिपाठी अपनी टीम के साथ पहुंचे और स्थल का निरीक्षण किया। एसडीएम संदीप त्रिपाठी ने बताया कि जिस रास्ते पर विवाद चल रहा है, राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार वह यूपी के गांव शीतलगढ़ी की सीमा में आता है, लेकिन यहां सर्वे ऑफ इंडिया का सीमा स्तंभ (बुर्जी) मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि “जब तक सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट नहीं आती, तब तक सीमा की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकती।” त्रिपाठी ने बताया कि करनाल प्रशासन ने इस विषय पर पहले पत्र भेजा था, जिसका उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से जवाब दे दिया गया है। 

सर्वे रिपोर्ट आने के बाद मामला सुलझ जाएगा

उन्होंने उम्मीद जताई कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद मामला सुलझ जाएगा। वहीं, हरियाणा की ओर से केवल खनन विभाग का अधिकारी मौके पर पहुंचा, जो बिना कोई औपचारिक बयान दिए लौट गया। सूत्रों का कहना है कि यह विवाद यमुना नदी क्षेत्र में चल रहे खनन कार्यों और दोनों राज्यों के ठेकेदारों के बीच हो रही प्रतिस्पर्धा से उपजा है। दोनों राज्यों के अधिकारियों का कहना है कि सीमा की सही स्थिति तय करने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया से पुनः माप और रिपोर्ट मंगवाई जाएगी, ताकि आगे इस तरह के विवाद न हों।

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