देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार की शाम लाल किले के पास हुए भीषण कार धमाके ने न केवल देश की सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया, बल्कि आम जान के मन में एक दशहत का माहौल भी बना दिया है। इस गंभीर घटना की जांच अब देश की प्रमुख आतंकवाद विरोधी एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह फैसला लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला अब केवल एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक जटिल नेटवर्क है, जिसके तार कई राज्यों से जुड़े हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसके बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। फिलहाल, एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमें घटनास्थल से विस्फोटक के सुराग जुटा रही हैं, लेकिन जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपना इस बात का संकेत है कि सरकार इस मामले की गहन और व्यापक जांच चाहती है।
पुलिस इसे एक आतंकवादी कृत्य मानकर चल रही
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए आतंकवादी हमला मामले की साजिश से संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राथमिकी में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम की धाराओं को शामिल किया गया है, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पुलिस इसे एक आतंकवादी कृत्य मानकर चल रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लाल किले के पास जिस कार में विस्फोट हुआ, उसके चालक का फरीदाबाद आतंकवादी मॉड्यूल से कथित तौर पर संबंध था।
राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर छापेमारी शुरू
पुलिस ने तुरंत राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिलता है कि लाल किले के पास हुए विस्फोट में संभवत: अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया था। यह अमोनियम नाइट्रेट ही वह विस्फोटक सामग्री है, जो फरीदाबाद मॉड्यूल से बरामद की गई थी। एक पुलिस सूत्र ने कहा कि प्रारंभिक जांच से दिल्ली विस्फोट और फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के बीच संभावित संबंध का संकेत मिलता है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। विस्फोट में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 24 अन्य घायल हुए हैं।
हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों एवं बस अड्डों पर कड़ी निगरानी
राष्ट्रीय राजधानी को फिलहाल हाई अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों एवं बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के समय कार धीमी गति से चल रही थी और लाल किला क्षेत्र के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी थी, जिससे आस-पास के कई वाहनों में आग लग गई थी। अब एनआईए इस अंतर-राज्यीय आतंकी साजिश की गहराई से पड़ताल करेगी।
डॉक्टर उमर और फरीदाबाद मॉड्यूल कनेक्शन
जांच एजेंसियों को शक है कि पुलवामा का निवासी और पेशे से चिकित्सक उमर मोहम्मद कथित तौर पर वह हुंडई आई 20 कार चला रहा था, जो लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास पार्किंग क्षेत्र में हुए विस्फोट में इस्तेमाल हुई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज में कार चला रहे व्यक्ति की पहली तस्वीर सामने आई है। इस व्यक्ति के फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से कथित तौर पर संबंध थे, जहां से हाल ही में विस्फोटक सामग्री का एक बड़ा जखीरा जब्त किया गया था। इस मॉड्यूल से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था, जिसका इस्तेमाल दिल्ली विस्फोट में होने की आशंका है।
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