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The Haryana Story | अभय चौटाला बोले - प्रदेश सरकार का एक ही लक्ष्य 'प्रदेश को कैसे लूटा जाए' लोगों को दी जाने वाली सुविधाएं जाएं भाड़ में !!

अभय चौटाला बोले - प्रदेश सरकार का एक ही लक्ष्य 'प्रदेश को कैसे लूटा जाए' लोगों को दी जाने वाली सुविधाएं जाएं भाड़ में !!

शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखने वाला हरियाणा आज बिल्कुल फिसड्डी, सरकार ने जहां हजारों सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया वहीं जो स्कूलों में मास्टर नहीं

इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने भाजपा सरकार में जमकर निशाना साधा। अभय ने प्रदेश के लगातार गिरते शिक्षा के स्तर पर कहा कि हरियाणा प्रदेश जो शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखता था, अब बिल्कुल फिसड्डी हो गया है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जहां हजारों सरकारी स्कूलों पर ताले लगा दिए, वहीं बहुत से स्कूलों में मास्टर नहीं हैं। इतना ही नहीं ऐसा ही बुरा हाल कॉलेजों का भी कर दिया है।

प्रिंसिपल के 97 स्वीकृत पदों में से 54 पद खाली पड़े

एक आरटीआई से ये सामने आया है कि हरियाणा में कुल 185 कॉलेज हैं, जिनमें से 85 कॉलेजों में, जो 46 प्रतिशत बनता है, उनमें नियमित प्रिंसिपल ही नहीं हैं। वहीं सबसे चिंता करने वाली बात यह है कि नियमित शिक्षकों की जो स्वीकृत किए हुए पद हैं उनमें से 56 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं और बच्चों को पढ़ाने के लिए गेस्ट और एक्सटेंशन शिक्षकों के उपर निर्भर होना पड़ रहा है। सरकारी अनुदान प्राप्त करने वाले कॉलेजों का भी बेहद बुरा हाल है और उनमें भी प्रिंसिपल के 97 स्वीकृत पदों में से 54 पद खाली पड़े हैं। वहीं सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों में शिक्षकों के 2831 पद स्वीकृत किए हुए हैं लेकिन सिर्फ 1394 पदों पर ही नियमित शिक्षक हैं। 

छात्रों के दाखिलों में भारी कमी आई

इन खाली पदों की वजह से छात्रों के दाखिलों में भारी कमी आई है और इस एकेडमिक सीजन में लगभग 40 प्रतिशत सीटें खाली पड़ी हैं। यही बुरा हाल यूनिवर्सिटीज का है जिनमें लेक्चरर्स की भारी कमी है और गेस्ट और एक्सटेंशन लेक्चरर्स से ही काम चलाया जा रहा है। अभय ने कड़ा वार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि प्रदेश को कैसे लूटा जाए और शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, रोजगार, कानून व्यवस्था जैसी लोगों को दी जाने वाली सुविधाएं जाए भाड़ में। अभय बोले कि कॉलेजों और स्कूलों में आधारभूत संरचना की भी भारी कमी है। स्कूलों की बिल्डिंग जर जर हालातों में हैं। इस से बड़ी विडंबना और क्या होगी कि बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली इस बीजेपी सरकार में सरकारी स्कूलों में बेटियों के लिए शौचालय तक की सुविधाएं नहीं है।

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