हरियाणा की राजस्व एवं आपदा प्रबंधन की वित्तीय आयुक्त तथा जनगणना 2027 की राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुमिता मिश्रा ने घोषणा की कि आगामी जनगणना 2027 पूरी तरह डिजिटल मोड में आयोजित की जाएगी। यह कदम जनगणना प्रक्रिया को आधुनिक, पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक परिवर्तन है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि गणनाकार और पर्यवेक्षक मोबाइल ऐप्स के माध्यम से डिजिटल रूप से डेटा एकत्र करेंगे तथा इसे सीधे केंद्रीय सर्वर पर अपलोड किया जाएगा। जनगणना के मोबाइल है, ताकि प्रत्येक ग्रामीण क्लस्टर और तहसील में समुचित कवरेज सुनिश्चित किया जा सके।
एप्लिकेशन, पोर्टल और अन्य डिजिटल टूल्स एंड्राइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे तथा इन्हें हिंदी, अंग्रेजी और 14 क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किया जा रहा है। जनगणना से जुड़े अधिकारियों की नियुक्ति तुरंत शुरू करने के लिए डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी मंडल आयुक्तों को मंडल जनगणना अधिकारी, सभी उपायुक्त/जिला मजिस्ट्रेट को प्रधान जनगणना अधिकारी नियुक्त किया है, जो अपने अपने अधिकार क्षेत्रों के भीतर पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। इसके अतिरिक्त अतिरिक्त उपायुक्त, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ उप कलेक्टरों को जिला जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह प्रशासनिक ढांचा उप-मंडल और ब्लॉक स्तर तक विस्तारित किया गया उन्होंने बताया कि उप-मंडल स्तर पर उप-मंडल मजिस्ट्रेट -उप-मंडल जनगणना अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। नीचे के स्तर पर तहसीलदार, ब्लॉक विकास अधिकारी एवं समकक्ष अधिकारी-चार्ज जनगणना अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त नायब तहसीलदार-अतिरिक्त चार्ज जनगणना अधिकारी होंगे। योजना, सांख्यिकी, सूचना प्रौद्योगिकी तथा शिक्षा जैसे प्रमुख विभागों के अधिकारियों को अतिरिक्त/उप जिला जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनका मुख्य दायित्व फील्ड कार्य के दौरान तकनीकी सहायता, डेटा सत्यापन तथा लॉजिस्टिक समन्वय प्रदान करना होगा। डॉ. मिश्रा ने आगे बताया कि शहरी क्षेत्रों में नगर निगम आयुक्त और प्रशासनिक प्रमुख-प्रधान जनगणना अधिकारी, विभिन्न शहरी निकायों के सीईओ और सचिव- चार्ज जनगणना अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। सरकार ने उन क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोटोकॉल स्थापित किया है जो पूरी तरह सैन्य, अर्धसैनिक तथा अन्य रक्षा संगठनों के नियंत्रण में हैं। इन विशिष्ट क्षेत्रों के लिए विशेष चार्ज अधिकारी का निर्धारण डायरेक्टर ऑफ़ सेंसस ऑपरेशंस द्वारा संबंधित प्राधिकरणों से परामर्श कर किया जाएगा।
ध्यान देने योग्य है कि कैन्टोनमेंट बोर्ड क्षेत्रों को सांविधिक नगरों के समान माना जाएगा, जबकि विशेष रक्षा/अर्धसैनिक क्षेत्र उनसे पृथक होंगे। जिलाधीश एवं नगर निगम आयुक्त इन विशेष क्षेत्रों की पहचान करेंगे, सूची डीसीओ को भेजेंगे और जनसंख्या गणना के संचालन हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करेंगे। सैन्य क्षेत्रों के अलावा रेलवे, सिंचाई, वन विभाग, थर्मल पावर स्टेशन आदि सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कॉलोनियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। प्रधान जनगणना अधिकारी के लिए यह अनिवार्य है कि वे ऐसे सभी विशेष क्षेत्रों की पहचान करें। गणनाकार और पर्यवेक्षक डेटा संग्रह की प्रक्रिया के मुख्य आधार होंगे। एक गणनाकार को औसतन 700-800 की जनसंख्या आवंटित की जाएगी। प्रत्येक छह गणनाकारों पर एक पर्यवेक्षक लगाया जाएगा, साथ ही 10% अतिरिक्त रिजर्व रखा जाएगा।
जनगणना नियम 1990 के नियम 3 के अनुसार शिक्षक, लिपिक और अन्य राज्य सरकार/ स्थानीय निकाय कर्मचारी गणनाकार नियुक्त किए जा सकते हैं, जबकि उच्च पदाधिकारी आमतौर पर पर्यवेक्षक होंगे। आगामी जनगणना डिजिटल प्रशासन की ओर एक बड़े परिवर्तन के रूप में पहचानी जा रही है, जिसमें रीयल टाइम मॉनिटरिंग और सुरक्षित डेटा संग्रह मुख्य केंद्र में है। सभी नियुक्त अधिकारियों को जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस पंजीकरण में मोबाइल नंबर, ईमेल पता, कार्यालय का स्थान और पहचान दस्तावेजों जैसी अनिवार्य जानकारी शामिल होगी, जिससे पूरे राज्य में सुरक्षित और पेपरलेस संचालन सुनिश्चित होगा। डॉ. सुमिता मिश्रा ने राज्य की दृष्टि को साझा करते हुए कहा कि यह अभ्यास डिजिटल प्रशासन की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
related
'डोंट डिजायर बट डिजर्व इट’ : विज बोले - मैं 2014 में 'सीनियर मोस्ट' था और अब भी 'सीनियर मोस्ट' हूं... लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं चाहा
पांच साल पुराने मर्डर केस में विज का सख़्त रुख : जांच CBI को सौंपने की सिफारिश, पुलिस कर्मचारी के खिलाफ FIR के आदेश