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अग्निपथ योजना ना सेना-ना ही देश और ना ही देश के नौजवानों के हित में- दीपेन्द्र

अग्निपथ योजना ना सेना-ना ही देश और ना ही देश के नौजवानों के हित में- दीपेन्द्र

1.5 लाख चयनित अभ्यर्थियों को जल्द कराई जाए ज्वाइनिंग

प्रतीकात्मक तस्वीर

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अग्निपथ योजना को ख़त्म कर पहले की तरह भर्ती शुरू करने और भर्ती हुए अग्निवीरों को रेगुलर सैनिकों के तौर पर पक्का करने की राज्य सभा में माँग रखी। दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि सरकार अग्निवीर योजना को तुरंत वापस ले। उनका कहना है कि “यह योजना ना ही सेना के हित में है, ना ही देश हित में है, और ना ही देश के नौजवानों के हित में है।” वे सरकार से सवाल पूछना चाहते हैं कि इस योजना को देश में लाने की माँग कहाँ से उठी ये और ये फ़ैसला क्यों लिया गया? 

ये देश की ऐसी संस्था जिस पर हमें गर्व है 

उनका पूछना सरकार से ये है कि फ़ौज में ऐसी क्या कमी है? 1971 मे पाकिस्तान के दो टुकड़े करने का काम पक्की भर्ती द्वारा बनायी गई फ़ौज ने किया था ,कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के शीर्ष को झुकाने का काम भी इसी फ़ौज ने किया था। बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक करने में भी यही फ़ौज काम आयी। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा “कोई भी सरकार रही हो लेकिन देश की फ़ौज ने हिन्दुस्तान के तिरंगे को ऊपर उठाने का काम किया है। यह एक ऐसी संस्थान है जिस पर हमें गर्व है और उसी फ़ौज की भर्ती को रातों रात कच्ची भर्ती अग्निपथ योजना में परिवर्तित क्यों किया गया? यह सही नहीं है।”

चयनित अभ्यर्थियों को जल्द ज्वाइनिंग दी जाए

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ये मुद्दा भी उठाया कि “2019-22 तक के बीच में 1.5 लाख चयनित अभ्यर्थी है उनको अभी तक ज्वाइनिंग नहीं दी गई है।” हुड्डा ने मांग रखी की ऐसे अभ्यार्थियों को तुरंत से तुरंत फ़ौज में भर्ती मिले और अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार किया जाए और दोबारा से पक्की भारतीय शुरू की जाए।

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