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2019 में हरियाणा में बीजेपी जेजेपी के गठबंधन वाली सरकार को अब चार साल पूरे हो चुके है। पर आगे होने वाले लोक सभा चुनाव में गठबंधन करने की सँभावना नहीं है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटला का कहना है कि बीजेपी अभी दक्षिण भारत में सहयोगियों के साथ बात चित में व्यस्त है।उन्होंने कहा की दोनों पार्टियों के हाई कमान इस मुद्दे पर जल्द ही फ़ैसला लेंगे।
बीजेपी के द्वारा लोक सभा चुनाव के लिए 10 नये प्रभारीयों की निक्युक्ति के बाद गठबंधन सहयोगीं जेजेपी ने भी तुरंत चुनाव के लिए पार्टी के प्रभारियों की नियुक्ति करदी। जेजेपी ने भी चुनाव के चलते आक्रामक रूप अपना लिया है। वैसे तो जेजेपी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) का हिस्सा है। किंतु अगर बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार की बात आगे नहीं बढ़ती है तो भी जेजेपी ने अपनी तरफ़ से अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करली हैं।
देश भर में मोदी की लहर और राम मंदिर के निर्माण के बाद भाजपा का एक प्रमुख वर्ग चाहता है कि भाजपा अकेले चुनाव लड़े। भाजपा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारी चुनावी रणनीति बनाने पर निर्णय लेने हेतू पार्टी हाई कमान को इस बारे में पहले ही अवगत करा दिया गया था।
भाजपा का झुकाओ मूल रूप से नॉन-जाट और शहरी मतदाताओं पर है। जेजेपी के साथ गठबंधन से BJP को ज़्यादा फ़ायदा नहीं होगा क्योंकि जेजेपी के पास जाट वोट बैंक ज़्यादा है। भाजपा अधिकारी का कहना है कि अगर चुनाव में ज़्यादा उम्मीदवार होंगे तो बीजेपी को इस चीज़ का फ़ायदा होगा क्योंकि ग़ैर जाट वोट फिर अलग-अलग पार्टियों में बँट जाएँगी।
2019 के लोक सभा चुनाव में मोदी लहर के चलते BJP ने भारी अंतर से सभी दस सीटों को जीता था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ समय पहले बड़ा आश्वासन देते हुए यह कहा था कि भाजपा अब की बार भी सभी 10 सीटें जीतेगी। हालाँकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के ख़िलाफ़ लहर को देखते हुए कांग्रेस को सफलता मिलने के पूरे आसार हैं।
कुछ समय पहले बनाए गए इंडिया अलायंस में भी सीट बँटवारे पर कोई भी बातचीत नहीं हुई है। इसमें आप और (इनेलो) इंडियन नेशनल लोकदल ने बीजेपी को टक्कर देने के लिए गठबंधन में चुनाव लड़ने की इच्छा प्रकट की थी।