सोमवार को रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उपस्थिति में हरियाणा की वर्ल्ड चैंपियन बॉक्सर और भीम अवॉर्ड से सम्मानित स्वीटी बूरा ने अपने पति भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा के साथ भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व कांग्रेसी मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्डा के अतिरिक्त रेवाड़ी के सतीश यादव और सन्नी यादव, मोहित धनवंतरी, आम आदमी पार्टी के रोहतक प्रधान साहिल मग्गू को भी भाजपा में शामिल किया।
इस मौके पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि राजनीति की दृष्टि से यह क्षेत्र सूखा था। आपके पार्टी में शामिल होने के बाद यह हरा-भरा हो गया। साल 1885- 1888 में कांग्रेस का उद्देश्य भारत को आजाद कराना था। गांधी, सुभाष चंद्र बोस जैसी हस्तियों ने आजाद देश कराया। उस समय कांग्रेस का उद्देश्य पूरा हो चुका था और गांधीजी ने कहा था कि अब कांग्रेस को ख़त्म कर देना चाहिए। सीएम ने भाजपा में शामिल होने पर सबको बधाई दी एवं आश्वासन दिया कि उनको पार्टी में खूब मान सम्मान दिया जाएगा।
दोनों किसी भी नेता को रोहतक में उभरने नहीं देते
भाजपा ज्वाईन करने पर स्वीटी बूरा ने कहा कि वो और दीपक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश हित के कार्यों से वे काफी प्रभावित हुए हैं। उनके नेतृत्व में मौका मिला तो मैं देश की सेवा में अपना योगदान दूंगी, इसीलिए उन्होंने रोहतक बीजेपी भवन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में भाजपा ज्वाईन की हैं। वहीं दीपक हुड्डा ने कहा कि गलत नीतियों के कारण उन्होंने कांग्रेस छोडी। पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने 10 फरवरी को कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा था।
हुड्डा ने कहा कि पार्टी में चल रही गलत नीतियों को लेकर उन्होंने राहुल गांधी से मिलने का प्रयास किया। वह पिछले 10 साल से केवल राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगते रहे, लेकिन समय नहीं मिला। इसलिए कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिता-पुत्र की पार्टी बनकर रह गई है। दोनों किसी भी नेता को रोहतक में उभरने नहीं देते, वे अपनी मनमानी करते हैं।
स्वीटी बूरा की उपलब्धियां
स्वीटी बूरा का जन्म 10 जनवरी 1993 को हरियाणा के हिसार में एक किसान परिवार में हुआ था। वह हरियाणा से कबड्डी की राज्य स्तरीय खिलाड़ी भी बनीं। साल 2009 में उनकी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव आया। अपने पिता महेंद्र सिंह बूरा के कहने पर स्वीटी ने कबड्डी छोड़कर बॉक्सिंग शुरू कर दी। इसके बाद, स्वीटी ने भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्वीटी को 2015- 16 सीज़न में उनकी खेल उपलब्धियों के लिए 2017 में हरियाणा सरकार द्वारा भीम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हरियाणा पुलिस ने स्वीटी बूरा को नौकरी भी दी। बूरा वर्ष 2019 में हरियाणा पुलिस बल में कांस्टेबल बनी।
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