अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी मनमानी के साथ ही तानाशाही पर उतर आई है। किसानों को न्याय नहीं मिल रहा। किसानों को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ रहा है। किसानों को शांतिपूर्वक अपने ही देश की राजधानी तक पहुंचने देने की बजाय उन्हें रास्ते में ही रोकना और उनके साथ तानाशाहों जैसा व्यवहार करना अति निंदनीय है। सरकार को किसानों के आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने के बजाय बातचीत के जरिए हल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसान आंदोलन का समर्थन करती है।
किसान लंबे समय से केंद्र सरकार को याद दिला रहे हैं
उनके वादे मीडिया को जारी बयान में पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि तीन साल पहले लंबा आंदोलन चला जिसमें 750 से ज्यादा किसानों ने शहादत दी थी। पंजाब के किसान लंबे समय से केंद्र सरकार को उसके वादे याद दिला रहे हैं। वे अपनी मांगें पूरी न होने पर दिल्ली तक मार्च करने का ऐलान कर रहे थे, लेकिन दिल्ली में बैठी तानाशाही सरकार ने उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब जब किसान दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं तो राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पुलिस को उन पर रबड़ की गोलियां चलाने और लाठीचार्ज करने के आदेश दे रही है। वे उन पर आंसू गैस के गोले छोड रहे हैं, लाठियां बरसा रहे हैं।’ यह हृदय विदारक बात है। फिर किस मुंह से भाजपा स्वयं को किसान हितैषी कहती है। उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है, किसानों के साथ कोई भी गद्दारी नहीं करता, जिसने भी की उसको नर्क में भी जगह नहीं मिलती। किसानों को बाजार भाव का उचित मुआवजा मिलना चाहिए। इसको लेकर केंद्र सरकार को पॉलिसी बनानी चाहिए।
कांग्रेस किसान आंदोलन का समर्थन करती है
उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसान आंदोलन का समर्थन करती है और किसानों के साथ खड़ी है। किसान दिल्ली में पहुंचकर मोदी सरकार को उनका वायदा याद दिलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसपी को लेकर पहले भी कमेटी का गठन किया था, पर आज तक कोई नतीजा सामने नहीं आया। सरकार कमेटी का गठन कर किसानों को गुमराह करती आई है और अब भी कमेटी गठन की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की एमएसपी की मांग जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए। किसानों को न्याय मिलना ही चाहिए।
यह सिर्फ पूंजीपतियों की सरकार
केंद्र सरकार के पास देश के 62 करोड़ किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। इस बीच प्रधानमंत्री ने अपने चंद उद्योगपति मित्रों का 10,50,000 करोड़ का कर्ज एक झटके में माफ कर दिया है। इससे स्पष्ट है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसान और मजदूर विरोधी है। यह सिर्फ पूंजीपतियों की सरकार है। कुमारी शैलजा ने कहा कि देश की छोटी-बड़ी आर्थिक गतिविधियां किसानों की बदौलत ही चलती हैं। किराये की छोटी सी दुकान भी तभी चलती है जब किसान की जेब में पैसा हो। अच्छी फसल के बाद ही बाजार में नए उत्पादों की बिक्री बढ़ती है। लेकिन, भाजपा के शासन में किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा।
प्रधानमंत्री और उनकी केंद्र सरकार को अपनी जिद छोड़नी चाहिए
पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी केंद्र सरकार को अपनी जिद छोड़नी चाहिए। केंद्र सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकारें लगातार किसानों को परेशान कर रही हैं और उनके साथ भेदभाव कर रही हैं। उन्हें तुरंत किसान नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित करना चाहिए। शैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार की तानाशाही चरम पर है और अगर देश और प्रदेश में हालात ऐसे ही रहे तो निश्चित तौर पर देश की आंतरिक स्थिति जनता के लिए प्रतिकूल हो सकती है। जब किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो उन्हें राजधानी पहुंचकर अपनी बात कहने का अधिकार है। दिल्ली में उनका स्वागत किया जाना चाहिए, न कि उन पर गोली या लाठीचार्ज किया जाना चाहिए।’
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