हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों की तैनाती के कारण तनाव की स्थिति बनी हुई है। जहां वीरवार शाम तीसरे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। बैठक में दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने का आश्वासन दिया है। चूंकि अब अगली बैठक 18 फरवरी शाम 6 बजे तय की गई है। ऐसे में किसान शंभू बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
किसान व सब इंस्पेक्टर की हुई मौत
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन करने पहुंचे गुरदासपुर के गांव चाचोकी निवासी सरदार ज्ञान सिंह (63) की तबीयत खराब होने से मौत हो गई है। किसानों का आरोप है कि दो दिन पहले आंसू गैस के गोले से उन्हें दिक्कत हो गई थी। तब तो वह ठीक हो गए थे, लेकिन वीरवार रात अचानक तबियत बिगड़ने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया। यह किसान आंदोलन-2 में मौत का पहला मामला है।
वहीं पानीपत जीआरपी के सब इंस्पेक्टर की भी मौत होने का मामला सामने आया है। चुलकाना निवासी सब इंस्पेक्टर हीरालाल समालखा जीआरपी चौकी में तैनात थे। उनको किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए घग्गर नदी पोस्ट पर तैनात किया गया था। सूत्रों के अनुसार आंसू गैस के गोलों से दम घुटने से सब इंस्पेक्टर हीरालाल की मौत हुई है। पंजाब में भी संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अमृतसर-पठानकोट और पठानकोट-जालंधर और जेएंडके नेशनल हाईवे पर चक्का जाम कर दिया है।
दोनों पक्षों की ओर से शांति बनाए रखने का आश्वासन
गौरतलब है कि वीरवार 15 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई तीसरे दौर की बैठक भी असफल रही। बैठक देर रात में करीब साढ़े 5 घंटे तक चली। जानकारी मुताबिक सरकार ने एमएसपी पर कानून बनाने के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसमें किसान और सरकार दोनों के प्रतिनिधि होंगे। किसान नेता एमएसपी गारंटी पर अड़े रहे। बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल, नित्यानंद राय के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। अब रविवार 18 फरवरी शाम 6 बजे फिर से चौथे दौर की बैठक होगी। तब तक दोनों पक्षों की ओर से शांति बनाए रखने का आश्वासन दिया गया है।
विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा
केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा। हम और कुछ नहीं करेंगे। उनकी किसानों से अपील है कि हम दिल्ली की तरफ बढ़ते जाएं। उन्होंने कहा कि बैठकें चलती रहेंगी, दोनों काम एक साथ नहीं हो सकते। सरकार ने बैठक बुलाई है, हम तब तक इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर रविवार को कोई सकारात्मक नतीजा नहीं मिलता तो विरोध जारी रखेंगे। वहीं कुछ किसान नेता उन पर की गई हिंसक कार्रवाई या बल प्रयोग को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि हम पाकिस्तान से थोड़े ही हैं।
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