बच्चों और खासकर बेटियों में एनीमिया की समस्या से निपटने के लिए अब जिला फरीदाबाद पूरे देश में सबसे बेहतरीन कार्य करने वाले जिलों में शामिल हो गया है। गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा करीब 3 महीने पहले एनीमिया मुक्त फरीदाबाद अभियान शुरू किया गया था। अभियान के तहत प्रथम चरण में जिले के सभी 378 सरकारी स्कूलों को शामिल किया गया है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले 1 लाख 20 हजार बच्चों की स्क्रीनिंग करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य व महिला एवं बाल विकास विभाग की टीमें गठित की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि इस पूरे अभियान को देशभर में एक केस स्टडी के तौर पर भी प्रस्तुत किया गया। फ़रीदाबाद के डीसी विक्रम सिंह के अनुसार, "अनीमिया पीड़ित बच्चों की पहचान करने से लेकर, उनके स्वास्थ्य सुधार तक, हमने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके लिए हमने कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं ली।" लिहाजा फरीदाबाद जिले में एनीमिया मुक्त फरीदाबाद अभियान के कारण स्कूली छात्रों के बीच एनीमिया में काफी गिरावट देखी गई है।
विशेष प्रशिक्षण दिया गया
उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि अभियान के तहत स्कूलों के अध्यापकों, आंगनबाड़ी व आशा वर्करों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। अभियान में शिक्षा, स्वास्थ्य व महिला एवं बाल विकास विभाग, एम्स दिल्ली के चिकित्सकों की विशेष टीम भी अभियान में शामिल रही। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक स्कूल में कैंपों का आयोजन किया गया। प्रत्येक स्कूल में एक अध्यापक को नोडल आफिसर लगाया गया। इन कैंपों में प्रत्येक बच्चे की स्वास्थ्य जांच की गई। इस काम में सहयोग के लिए एम्स दिल्ली द्वारा भी अपनी डॉक्टरों की टीमें फरीदाबाद जिला में भेजी गई।
अभियान का असर
जांच के दौरान 97,588 सरकारी स्कूल के छात्रों में से 49.7% एनीमिक पाए गए। हालांकि, उपचार के तीन महीने के अंदर, एनीमिया से पीड़ित 35.6% छात्रों में सुधार देखा गया। विशेष रूप से, लड़कियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ, 25.7% गैर-एनीमिक हो गई। लड़कों में रिकवरी दर 58.2% रही। स्वास्थ्य अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "सहयोगात्मक दृष्टिकोण एनीमिया मुक्त हरियाणा के लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारे सामूहिक प्रयासों की सफलता सुनिश्चित करेगा।"
दूसरों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण
अभियान की सफलता का श्रेय अभियान को सफल बनाने की रणनीति और उसके लिए किये गए प्रयासों को दिया गया। रणनीतियों में स्वास्थ्य अभियान, नियमित स्वास्थ्य जांच और आहार संबंधी बातें शामिल रही। गंभीर रूप से एनीमिया से पीड़ित छात्रों को बेहतर स्वास्थ्य जांच और आवश्यकता पड़ने पर रक्त का आदान प्रदान किया गया। एनीमिया मुक्त फरीदाबाद अभियान को स्वास्थ्य अधिकारियों से मान्यता मिली, जिससे अन्य जिलों को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया गया।
स्वास्थ्य अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अनुपमा ने अनुरूप अभियान को सफल बनाने के लिए पोषण विशेषज्ञों को विशेष रूप से शामिल किया गया था। फरीदाबाद का एनीमिया मुक्ति अभियान प्रभावी रूप से एक उदाहरण के रूप में देश के सामने खड़ा है, जो यह साबित करता है कि मौजूदा संसाधनों और एक-दूसरे के सहयोग एवं प्रयासों के साथ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की जा सकती है। अपनी सफलता के साथ, फरीदाबाद एनीमिया-मुक्त होने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच गया है और दूसरे जिलों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहा है।
तीन महीने में 35.6 प्रतिशत की रिकवरी
फरीदाबाद के एनीमिया मुक्त अभियान ने सरकारी स्कूल के छात्रों को एनीमिया मुक्त करने के लिए प्रभावी ढंग से काम किया, जिसमें तीन महीने के अंदर 35.6% का सुधार देखा गया। राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा इसकी सराहना की गई। इस पहल ने सहयोगात्मक प्रयासों और रणनीतिक भागीदारी पर जोर दिया। विशेष रूप से, एनीमिया से निपटने में अतिरिक्त धन के बिना इस अभियान की सफलता अन्य जिलों के लिए एक उदाहरण स्थापित करती है।
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