पाकिस्तानी सीमा हैदर गैरकानूनी तरीके से अपने 4 बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते गुप्त रूप से उनके प्रेमी सचिन के पास आई है। मोमिन मलिक को सीमा हैदर के बच्चों की कस्टडी लेने के लिए गुलाम हैदर ने मानवाधिकार एवं पूर्व फेडरेशन मंत्री और यूएनओ के मानवाधिकार सलाहकार अंसार बर्नी ट्रस्ट के माध्यम से चुना है। अब इस मामले में मोमिन मलिक गुलाम हैदर का साथ देंगे। बता दें कि सीमा हैदर के खिलाफ 4 जुलाई 2023 को यूपी के जिला गौतम बुद्ध नगर के रबुपुरा थाना में 120बी आईपीसी, फॉरेन एक्ट 1946 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पानीपत के वकील मोमिन मलिक ने यूपी पुलिस से इस केस से जुड़े दस्तावेजों की मांग की, लेकिन पुलिस ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
वकील ने मामले में इलाका मजिस्ट्रेट के पास एक एप्लिकेशन दाखिल की। सचिन और सीमा ने ऑनलाइन गेम पबजी खेलते हुए प्यार किया और फिर एक साथ रहने का फैसला किया। 9 फरवरी 2024 तक 7 माह 15 दिन गुजर जाने के बाद भी इस मामले में चार्जशीट नहीं फाइल की गई है। इसके बावजूद सीमा के पति को कोई जानकारी नहीं दी गई। सीमा की गिरफ्तारी के समय उसके चार बच्चे भी साथ थे, लेकिन उनकी कुछ भी जांच नहीं की गई। बता दें कि एडवोकेट मोमिन मालिक समझौता ब्लास्ट में मारे गए और घायल पाकिस्तानी लोगों को उनका मुआवजा दिलवा चुके हैं। मोमिन मालिक ने समझौता बलास्ट मामले में पाकिस्तान की कोर्ट और भारत की कोर्ट से मृतकों को मुआवजा दिलवाया था।
सीमा कानूनन गुलाम हैदर की पत्नी
एफआईआर की सत्यापित कॉपी कोर्ट द्वारा भारतीय वकील मोमिन मलिक को उपलब्ध करवाई गई है। जिसके मुताबिक सीमा के साथ सचिन पुत्र नेत्रपाल जो गांव रबूपुरा जिला गौतम बुद्ध नगर में निवास करता है, दोषी है। सीमा के पति का नाम गुलाम हैदर है और अभी तक उनकी कानूनी पत्नी है। सीमा, सचिन और उनके पिता नेत्रपाल ने 30 जून 2023 को जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश में कोर्ट मैरिज करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली। बाद में उन्हें हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया और एफआईआर रबूपुरा थाना में दर्ज की गई। किसी भी प्रकार की सूचना उनके बच्चों के हित के लिए नहीं दी गई।
यूपी पुलिस ने उन्हें दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए
गौरतलब है कि पानीपत के वकील मोमिन मलिक और यूपी पुलिस ने उक्त एफआईआर की कॉपी देने सहित इस केस से जुड़े अन्य दस्तावेज की मांग की थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें न ही दस्तावेज उपलब्ध करवाए और न ही उनकी एप्लीकेशन पर कोई उत्तर दिया। जिसके बाद वकील ने एक एप्लीकेशन वहां के इलाका मजिस्ट्रेट को लगाई। कोर्ट ने जांच अधिकारी को आदेश देते हुए अर्जी के सभी बिंदुओं पर 26 फरवरी 2024 तक कोर्ट में जबाब दाखिल करने का समय दिया है।
एडवोकेट मोमिन मलिक ने निम्न बिंदुओं पर लगाई याचिका -
- 19 फरवरी 2024 तक 7 माह 15 दिन गुजर जाने के बाद भी इस मामले में चार्जशीट फाइल नहीं की गई है। इस बारे में कोई भी सूचना सीमा के पति गुलाम हैदर को नहीं दी गई है। गौरतलब है कि सीमा की गिरफ्तारी के दौरान उसके चार बच्चे भी साथ थे, जिनके नाम अर्जी में दिए गए हैं।
- जिस वक्त सीमा हैदर को गिरफ्तार किया गया, उस वक्त उसकी तीन नाबालिग लड़कियां, जिनकी उम्र 3, 4, 5 वर्ष और एक नाबालिग लड़का 6 वर्ष है। जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में रखा और पुलिस को इन नाबालिग बच्चों को कस्टडी में लेने की सूचना इनके पिता गुलाम हैदर को नहीं दी गई।
- चारों बच्चों का कोई मेडिकल परिक्षण नहीं करवाया गया।
- एफआईआर की सत्यापित कापी कोर्ट द्वारा भारतीय वकील मोमीन मलिक को उपलब्ध करवाई गई है, जिसके मुताबिक सीमा हैदर के साथ सचिन पुत्र नेत्रपाल, निवासी गांव रबूपुरा, जिला गौतम बुद्धनगर भी दोषी है। सीमा से बरामद सभी दस्तावेजों में उसके पति का नाम गुलाम हैदर लिखा हुआ है। अभी तक वह गुलाम हैदर की लीगल पत्नी है और किसी प्रकार का कोई तलाक नहीं हुआ है।
- सीमा, सचिन व उसके पिता नेत्रपाल 30 जून 2023 को जिला बुलंदशहर उत्तरप्रदेश में सीमा व उसके बच्चों को लेकर एक वकील के माध्यम से उनकी कोर्ट मैरिज करवाने की कोशिश की। लेकिन वकील ने पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज देखकर कहा कि वह पाकिस्तान की रहने वाली है, इसलिए शादी नहीं हो सकती।
- सीमा, उसके बच्चों, सचिन और उसके पिता को हरियाणा में फरीदाबाद के बल्लभगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। बाद में एफआईआर रबूपुरा थाना में दर्ज की गई। किसी प्रकार की सूचना बाल सरंक्षण अधिकारी फरीदाबाद को नहीं दी गई। इस मामले की कानूनी प्रक्रिया बल्लभगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा में बनती है। मुकदमा भी यही दर्ज होना चाहिए था।
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