हरियाणा में हाल ही में उस समय बड़ा उलटफेर देखने को मिला था, जब बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया था। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद मंगलवार को कैबिनेट का विस्तार भी हो गया है। नायब सिंह सैनी सरकार में 8 और नए चेहरों को शामिल किया गया है। राजभवन में हुए शपथ समारोह में विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। इनमें से एक को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि बाकी सात को स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है। हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के तहत राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने 1 कैबिनेट मंत्री तथा 7 राज्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाई। इनमें डॉ. कमल गुप्ता ने कैबिनेट मंत्री तथा सीमा त्रिखा, महिपाल ढांडा, असीम गोयल, डॉ. अभय सिंह यादव, सुभाष सुधा, बिशम्बर सिंह वाल्मीकि एवं संजय सिंह ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, कैबिनेट मंत्री कँवर पाल, जयप्रकाश दलाल, डॉ. बनवारी लाल, मूलचंद शर्मा, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा मंत्रीगण के परिवारजन भी उपस्थित थे।
सरकार में कुल मंत्रियों की संख्या 13 हो गई है
कमल गुप्ता कमल गुप्ता हिसार सीट से विधायक हैं। कमल गुप्ता को मनोहर लाल खट्टर का भी करीबी कहा जाता है। गुप्ता को जमीनी नेता भी माना जाता है। दूसरी ओर सीमा त्रिखा बड़खल से विधायक हैं और उन्होंने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद पर शपथ ली है। महिपाल ढांडा पानीपत ग्रामीण से जबकि असीम गोयल अंबाला सिटी विधानसभा सीट से विधायक हैं। सरकार में कुल मंत्रियों की संख्या 13 हो गई है जिस समय में हरियाणा में नई सरकार का गठन हुआ था उस समय नायब सिंह सैनी ने पांच मंत्रियों के साथ शपथ ली थी, जिनमें कंवरपाल गुर्जर, रणजीत सिंह, मूलचंद शर्मा, डॉ. बनवारी लाल, जेपी दलाल शामिल है। अब 8 और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। इसी के साथ सरकार में कुल मंत्रियों की संख्या 13 हो गई है।
नायब सिंह सैनी खट्टर के हैं करीबी
उस समय दो डिप्टी सीएम भी शपथ लेने वाले थे, लेकिन राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की नाराजगी के बाद डिप्टी सीएम शपथ नहीं ले पाए थे। हरियाणा में बीजेपी ने जिस नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया है, उन्हें खट्टर का करीबी कहा जाता है। सूत्रों के मुताबिक, खट्टर से जब सत्ता परिवर्तन पर चर्चा हुई थी तब उन्होंने सैनी का नाम आगे बढ़ाया था। दूसरी ओर अनिल विज को डिप्टी सीएम बनाया जाना था, लेकिन वो नाराज हो गए थे और विधायक दल की बैठक के दौरान ही बाहर निकल गए थे। इसके बाद उन्होंने न तो मंत्री पद की शपथ ली और नहीं राजभवन पहुंचे।
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