लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुट गई है और अब अपने पुराने व रूठे हुए नेताओं को भी मनाना शुरू कर दिया है। वहीं करनाल से भाजपा के प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन कर चुके है। अब नाराज चल रहे नेताओं या घर बैठे कार्यकर्ताओं को भी पार्टी के साथ जोड़ने व लोकसभा में प्रचार के लिए तैयार किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पानीपत कार्यक्रम के दौरान भी चर्चा थी कि वे पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के निवास पर जा सकते है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी व उनके पति सुरेंद्र रेवड़ी ने परिवार सहित मुलाक़ात की है।
मनोहर के लिए प्रचार करेंगी रोहिता
यह मुलाक़ात चंडीगढ़ मुख्यमंत्री निवास में हुई है। मुख्यमंत्री से मिलने के लिए चंडीगढ़ से संदेश आया या रेवड़ी दंपति मिलने गए यह अंदर की बात है। हालांकि सुरेंद्र रेवड़ी का कहना है कि नायब सिंह सैनी पूर्व में रोहिता रेवड़ी के कार्यकाल के दौरान विधायक थे, जिस कारण उनका पहले से आना जाना रहा है। वे मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देने गए थे तथा अब भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल के लिए करनाल लोकसभा में प्रचार करेंगे। मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें रेवड़ी परिवार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को फूलों को गुलदस्ता भेंट कर मुलाकात कर रहा है।
2019 में रोहिता की बजाय प्रमोद विज को दिया था टिकट
रोहिता रेवड़ी 2013 में नगर निगम की पार्षद चुनी गई थी। वहीं चुनाव प्रबंधन व पार्षद चुनाव में 10400 वोट की जीत से रोहिता को पहचान मिली इसके बाद पार्टी ने 2014 में पानीपत शहरी सीट से भाजपा का टिकट दिया तो रोहिता रेवड़ी कांग्रेस के वीरेंद्र शाह को हराकर विधायक बनी। रोहिता रेवड़ी को 92757 वोट मिले, जबकि वीेंरेद्र शाह को 39036 वोट मिले थे। वहीं बदले राजनीतिक हालात में 2019 के चुनाव में रोहिता रेवड़ी का टिकट काटकर भाजपा जिला प्रधान प्रमोद विज को विधानसभा प्रत्याशी बनाया गया। विज ने कांग्रेस प्रत्याशी संजय अग्रवाल को हराया था। 2019 के चुनाव में चर्चा थी कि रोहिता कांग्रेस, आप या जजपा में शामिल हो सकती है लेकिन किसी मामले में फंसने या फंसाने के डर के कारण उन्होंने खुले तौर पर पाला नहीं बदला। लेकिन अंदरखाने वे अपनी राजनीति अपने हिसाब से करते रहे।
टिकट कट जाने के बाद से पार्टी कार्यक्रमों में भाग नहीं लेते थे रोहिता रेवड़ी व सुरेंद्र रेवड़ी
वहीं मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सुरेंद्र रेवड़ी का कहना है कि विपक्षियों को जवाब मिल गया है कि वे कहां है। वे भाजपा का प्रचार करेंगे और भाजपा में ही रहेंगे। टिकट कट जाने के बाद से रोहिता रेवड़ी व सुरेंद्र रेवड़ी पार्टी कार्यक्रमों में भाग नहीं लेते थे। 2024 के विधानसभा चुनाव को लेकर भी नेताओं ने अपनी तैयारियां शुरू की हुई है। लोकसभा चुनाव के परिणाम के कुछ महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में विधानसभा चुनाव को लेकर भी दावेदार अभी से अपनी नींव मजबूत करने का काम करेंगे लेकिन चुनाव के समय किसको टिकट मिल जाए और किसका टिकट कट जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर भाजपा ने अपनी पूरी तैयारियां कर ली है। इसी के तहत घर बैठे नाराज नेताओं को पार्टी प्रचार में जोड़ा जा रहा है।
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