हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 के चलते भारतीय जनता पार्टी की ओर से 4 उम्मीदवारों के बदले जाने की चर्चा के बीच हिसार सीट से प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला का बयान सामने आया है। रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा पार्टी के निर्णय के बाद ही प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा गया है। वहीं उन्होंने प्रत्याशी बदलने के सवाल पर कहा कि इसका निर्णय पार्टी हाईकमान पर ही निर्भर है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रत्याशी को बदलना होता तो पार्टी कहती कि प्रचार को धीमा किया जाए।
किसानों ने वीरवार को भी भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह का किया विरोध
गौरतलब है कि जिला हिसार के गांव अग्रोहा में किसानों ने वीरवार को भी भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह का विरोध किया। किसानों ने सभा समाप्त होने के बाद रणजीत सिंह से किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर सवाल पूछे। साथ ही नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया और किसान एकता के नारे लगाए। इस दौरान भाजपा सरकार मुर्दाबाद, किसानों की हत्यारी भाजपा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। हिसार लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला वीरवार को अपने जनसंपर्क अभियान के तहत अग्रोहा खंड के गांवों का दौरा कर रहे थे। गांव श्यामसुख में युवा किसानों ने उन्हें रोक लिया।
रणजीत ने वर्ष 2019 में भाजपा को समर्थन दिया था
किसानों ने कहा कि किसान फसल बीमा के क्लेम लेने के लिए हम तीन महीने लघु सचिवालय के बाहर बैठे रहे, आप कभी साथ देने आए। किसानों पर करनाल में लाठीचार्ज किया गया, किसानों पर हिसार में लाठीचार्ज हुआ, कैथल में लाठीचार्ज हुआ, आपने क्या किया। कभी भी किसानों का साथ क्यों नहीं दिया। बता दें कि रणजीत सिंह सिरसा जिले की रानियां सीट से निर्दलीय विधायक के तौर पर जीते थे। वर्ष 2019 में उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया था। भाजपा ने भी उन्हें मंत्री पद सौंपा था। इसके बाद होली के दिन उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया। वह भाजपा में शामिल हो गए।
ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करके विवादों में आ गए थे रणजीत
अब भाजपा ने उन्हें हिसार लोकसभा से पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है। गौरतलब है कि रणजीत सिंह चौटाला गत दिनों ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करके विवादों में आ गए थे। उन्होंने जहाजपुल स्थित धर्मशाला में पहुंचकर समाज के लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगी थी। साथ ही उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि उनका किसी भी व्यक्ति और समाज पर टिप्पणी का कोई इरादा नहीं था। किसी को उनके शब्दों से ठेस पहुंची तो वह बार-बार माफी मांगने को तैयार हैं।
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