हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री और अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज इन दिनों ज्यादा सुर्खियों में हैं। प्रदेश में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटने तथा नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति के दौरान हुई अनदेखी से खफा अनिल विज के निशाने पर उनकी अपनी ही (BJP) पार्टी के नेता हैं।
पूर्व मंत्री अनिल विज ने आज बुधवार को चाय पर चुस्की लेते हुए बंदिनी (1963) फिल्म का गाना "मन की किताब से तुम मेरा नाम ही मिटा देना...., गुण तो न था कोई भी,अवगुण मेरे भुला देना...", गुनगुनाया, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
अनिल विज ने कहा था कि भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटना और नया सीएम चुना जाना, इतनी बड़ी घटना हुई मुझसे किसी ने बात तक नहीं की। विज ने कहा था कि मुझे मेरी हैसियत दिखा दी गई। अनिल विज ने हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पर भी निशाना साधा है। विज ने कहा कि "उनके (पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह) पल्ले अब कुछ नहीं रहा, पार्टी ने उन्हें पूरी तरह अवसर दिया, लेकिन अब वे पूरी तरह से खत्म हो गए है, अब जहां मर्जी जाएं, कोई फर्क नहीं पड़ता"।
दरअसल, चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस पार्टी जॉइन करते हुए कहा था कि 52 साल हो गए हैं मुझे इस धंधे में। मैं अच्छा ज्योतिषी बन सकता हूं। प्रदेश में अब हवा बदल रही है। मेरे हरियाणा के नेता एक दिन टाइम दे दो। मैं उस दिन एक डेढ़ लाख भीड़ इकट्ठा कर दूंगा। इनका बोरिया बिस्तर गोल कर दूंगा।
लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस ने अभी तक अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, इस संबंध में चुटकी लेते हुए विज ने कहा कि "उम्मीदवार तो तब चुने जब इनके (कांग्रेस) पास कैंडिडेट हो। एक वक्त था जब हर सीट के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी होती थी लेकिन आज बात कुछ और है।"
भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के बाद अब जजपा के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई एमएलए ने इस्तीफा दे दिया है, जिसे लेकर विज ने कहा कि "जजपा एक इंडिपेंडेंट पार्टी है, इस पर वही जवाब दे सकते हैं।" अनिल विज के इन बयानों से यह साफ है कि वह अपनी पार्टी की अनदेखी पर नाराज हैं और उन्हें अब अपने दल के नेताओं पर भी सवाल उठाने लगे हैं।
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