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सार्वजनिक तौर पर बयान देकर बदनाम करने के खिलाफ मनोहर लाल को कानूनी नोटिस देगी इनेलो

सार्वजनिक तौर पर बयान देकर बदनाम करने के खिलाफ मनोहर लाल को कानूनी नोटिस देगी इनेलो

चौटाला ने कहा कि छाज तो बोले, छलनी भी बोले जिसमें हजारों छेद हैं, बीजेपी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, मनोहर लाल खट्टर खुद भ्रष्टाचार के पुरोधा रहे हैं

इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला

इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा एक जनसभा में ओम प्रकाश चौटाला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि न्यायालय ने अपने दिए फैसले में स्पष्ट किया था कि इस मामले में पैसों का कोई लेनदेन नहीं हुआ। चौ. ओम प्रकाश चौटाला को कांग्रेस द्वारा रची गई राजनीतिक साजिश के कारण सजा काटनी पड़ी थी। मनोहर लाल खट्टर द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला को सार्वजनिक तौर पर बयान देकर बदनाम करने के खिलाफ इनेलो कानूनी नोटिस देगी। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओम प्रकाश चौटाला के ऊपर एक जनसभा में पैसे लेकर नौकरी देने के एवज में दस साल की जेल काटने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।

बीजेपी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है : अभय सिंह चौटाला

अभय सिंह चौटाला ने आगे कहा कि कहा कि छाज तो बोले, छलनी भी बोले जिसमें हजारों छेद हैं। बीजेपी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। मनोहर लाल खट्टर खुद भ्रष्टाचार के पुरोधा रहे हैं। सर्वविदित है कि सरकारी नौकरी देने वाली संस्था एचपीएससी में ढाई करोड़ रूपए सरेआम नगद बरामद हुए थे, उसके बावजुद भी असली दोषियों को बचा लिया गया। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व चेयरमैन के लड़के की नौकरी के लिए ऑडियो वायरल हुई थी। हजारों करोड़ रुपए के दो दर्जन से ज्यादा घोटाले किए गए। 

बर्खास्त करने के बजाए उल्टा उन्हें मलाईदार पोस्टों पर फिर से बैठा दिया

अभय ने कहा कि विधानसभा में जब भी घोटालों की जांच के लिए आवाज उठाई तो मनोहर लाल खट्टर ने सीबीआई से जांच करवाने की बात कही, लेकिन आज तक किसी भी घोटाले की जांच सिरे नहीं चढ़ी। बीजेपी की पहली ऐसी सरकार है जिसमें चार आईएएस भ्रष्टाचार के लिए जेल गए और बाहर आने के बाद बजाए उन्हें बर्खास्त करने के उल्टा उन्हें मलाईदार पोस्टों पर फिर से बैठा दिया। मनोहर लाल के मुख्यमंत्री रहते उनके ओएसडी पर हजारों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे लेकिन उन आरोपों की जांच करने के बजाय मामले को रफा-दफा कर दिया गया।

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