**** सीएम सिटी में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी माने जाने वाले मनोज वाधवा ने भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कहते हुए इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा भाजपा के जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा, मुख्यमंत्री एवं प्रदेशाध्यक्ष नायब सैनी को भेजा है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले मनोज वाधवा का पार्टी से इस्तीफा देना चर्चा का विषय बन चुका है। मनोज वाधवा भाजपा सरकार में करनाल नगर निगम से डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं और करनाल के जाने माने बिजनेसमैन हैं।
2014 में इनेलो की टिकट पर मनोहर के खिलाफ लड़ा था चुनाव
उल्लेखनीय है कि मनोज वाधवा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल सीट पर मनोहर लाल के खिलाफ इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में वह मनोहर लाल को हरा नहीं पाए। तब मनोहर लाल ने अपनी जीत दर्ज करवाते हुए विधायक की कुर्सी हासिल की थी और इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। चुनाव के बाद मनोज वाधवा इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का करीबी माना जाता रहा है।
भाजपा से दूरी के कई कारण
गौरतलब है मनोज वाधवा भाजपा की सरकार में करनाल नगर निगम से डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं। वहीं पिछले कुछ समय से वह करनाल में भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाते दिख रहे थे। सूत्रों के मुताबिक कि मनोज वाधवा के भाजपा से दूरी के कई कारण माने जा रहे हैं। इनमें मुख्य कारण कुछ समय पहले ही मनोज वाधवा के यमुनानगर और करनाल घर सहित कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रेड भी मानी जा रही है।
जल्द कांग्रेस में शामिल होने कयास
वहीं यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मनोज वाधवा भाजपा का दामन छोड़कर अब कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। इतना ही नहीं यह चर्चा भी है कि करनाल के उप चुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ चुनाव भी लड़ सकते हैं और इन्हीं कारणों के चलते मनोज वाधवा भाजपा से दूरी बना चुके हैं। बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले मनोज वाधवा दिल्ली में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात कर चुके हैं। सूत्रों के हवाले से ऐसे में माना जा रहा है कि वह जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
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