प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टियों का चुनाव प्रचार तेज होता जा रहा है। ऐसे में करनाल लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा के पक्ष में लोगों से समर्थन मांगने के लिए करनाल पहुंचे दीपक बाबरिया ने दावा किया को सूबे की दस की दस लोकसभा सीट कांग्रेस जीतेगी। वहीं, तीन चरणों में हुए चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया कि देश में मोदी जा रहा है और कांग्रेस आ रही है।
दिव्यांशु बुद्धिराजा जीतेंगे
वहीं दीपक बाबरिया ने कहा कि लोग बुद्धि राजा को कमज़ोर प्रत्याशी बता रहे थे, लेकिन बुद्धिराजा मज़बूत बनकर उभरे हैं, करनाल लोकसभा से मनोहर लाल की हार निश्चित है और दिव्यांशु बुद्धिराजा जीतेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जेजेपी प्रत्याशी नैना चौटाला के काफिले पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यदि काफिले पर हमला हुआ है तो वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जेजेपी का जैसा ट्रैक रिकॉर्ड है यह लोगों की पॉपुलैरिटी के लिए कुछ भी पब्लिसिटी स्टंट कर सकते हैं।
बीजेपी पर साधा निशाना
उल्लेखनीय है कि दीपक बाबरिया करनाल के सेक्टर-9 में भी पहुंचे और उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने बीजेपी के अल्पमत पर कहा कि कांग्रेस की तरफ से सिर्फ राजनीति रहेगी। कोई शॉर्टकट नहीं अपनाया जाएगा। हम सिर्फ यही चाहते हैं कि संविधान का पालन हो, बीजेपी सरकार को गवर्नर के पास जाकर अपना बहुमत का प्रदर्शन करना चाहिए। अगर बीजेपी प्रदर्शन करने में विफल हो जाती है तो संवैधानिक प्रक्रिया है। उसके हिसाब से काम करना चाहिए। हम फ्लोर टेस्ट के लिए नहीं, बल्कि प्रदर्शन करने के लिए कह रहे हैं।
सभी नेताओं की एक सोच बने, इसके लिए प्रयास जारी
दुष्यंत चौटाला के बयान पर बाबरिया ने जवाब दिया कि दुष्यंत चौटाला के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाएंगे। लोकसभा प्रत्याशियों का प्रचार नहीं करने वाले स्थानीय नेताओं के लिए कोई चेतावनी जारी की गई थी या नहीं, इस पर दीपक बाबरिया ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, सभी नेताओं की एक सोच बने, इसके लिए प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं और विधानसभा चुनाव में जब प्रत्याशी का चयन किया जाता है तो उसमें यह भी ध्यान रखा जाता है कि पिछले चुनाव में कैंडिडेट का कोई योगदान रहा है या नहीं।
मोदी सरकार ने जो तानाशाही प्रक्रिया शुरू की थी, उस पर कहीं न कहीं रोक लगी
इस दौरान बाबरिया ने केजरीवाल को जमानत मिलने के सवाल पर कहा कि मैं समझता हूं कि यह फैसला काफी लेट आया है। यह महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि जिस तानाशाही से नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है, उनको डराया धमकाया जा रहा है। मैं समझता हूं कि यह मोदी सरकार ने जो तानाशाही प्रक्रिया शुरू की थी, उस पर कहीं न कहीं रोक लगी है।
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