हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए एक बार फिर कोसली विधानसभा क्षेत्र सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है। अहीर बहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में लोग बीजेपी की हवा बता रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र को इसी विधानसभा क्षेत्र के कारण हार का सामना करना पड़ा था।
इस बार दीपेंद्र कोसली से अच्छे वोट हासिल करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। वह लगातार यहां कार्यक्रम कर रहे हैं और अहीर रेजिमेंट के गठन तथा अग्निवीर योजना को लेकर भाजपा पर हमलावर रहते हैं। क्योंकि कोसली में फौजियों की संख्या ज्यादा है और हर घर से युवा सेना में जाने का सपना लेकर प्रैक्टिस करता है।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में अग्निवीर योजना को बंद करके नियमित सेना भर्ती की बात कही है। साथ ही यह इलाका अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग को लेकर भी आवाज उठाता रहा है। ऐसे में हुड्डा इन दोनों मुद्दों के जरिए यहां से बढ़त लेने का प्रयास कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, भाजपा उम्मीदवार अरविंद शर्मा भी अहीर रेजिमेंट के मुद्दे को उठाते हुए वोट बैंक को साधने में लगे हैं। 3 मई को रोहतक में आयोजित भाजपा की विजय संकल्प रैली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने अरविंद शर्मा ने भी अहीर रेजिमेंट के गठन का मुद्दा उठाया था। पिछले चुनाव में कोसली विधानसभा क्षेत्र में अरविंद शर्मा को 74,980 वोटों की बड़ी बढ़त मिली थी, जिसकी बदौलत वे सांसद बने थे। इस बार दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी कोसली पर विशेष फोकस कर रहे हैं, जहां 2 लाख 46 हजार 432 वोटर हैं।
हुड्डा का कहना है कि बीजेपी सरकार ने अग्निवीर योजना लाकर सबसे ज्यादा नुकसान दक्षिणी हरियाणा का किया है। उनका दावा है कि कांग्रेस सरकार बनने पर अग्निवीर योजना को खत्म कर फौज में रेगुलर भर्ती की जाएगी और भर्ती अग्निवीरों को पक्का किया जाएगा। इस तरह, रोहतक लोकसभा सीट पर कोसली विधानसभा क्षेत्र की अहमियत बनी हुई है, जहां दोनों प्रमुख दल अपनी-अपनी रणनीति के साथ वोटरों को लुभाने में जुटे हैं।
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