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बिश्नोई मंदिर में पिता के चरण छूकर रो पड़े कुलदीप बिश्नोई

बिश्नोई मंदिर में पिता के चरण छूकर रो पड़े कुलदीप बिश्नोई

पूर्व सांसद ने पिता की प्रतिमा के पैर छुए और उनके सम्मान में भावुक पोस्ट की, दिवंगत चौधरी भजनलाल को श्रद्धांजलि देने आदमपुर भी गए। 

प्रतीकात्मक तस्वीर

हिसार के बिश्नोई मंदिर में स्व. चौधरी भजनलाल की 13वीं पुण्यतिथि पर उनके पुत्र और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने विशेष कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर कुलदीप बिश्नोई गहरी भावनाओं से भर गए और उन्होंने अपने पिता की प्रतिमा के पैर छू लिए। 

अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए कुलदीप ने कहा, "आपके लिए क्या लिखूं, आपने तो खुद मुझे लिख दिया है।" उनके इन शब्दों में पिता के प्रति गहरा सम्मान और आभार झलकता है। चौधरी भजनलाल को राजनीतिक दुनिया में एक महानायक माना जाता था। 

इससे पहले कुलदीप बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर भी अपने पिता को याद किया । कुलदीप बिश्नोई ने लिखा " आपके लिए क्या लिखूं, आपने तो खुद मुझे लिखा है। मेरे पिता जी, मेरे भगवान"। । वहीं उनके पोते भव्य बिश्नोई ने भी अपने दादा को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

भव्य ने चौधरी भजनलाल के शानदार राजनीतिक करियर का जिक्र करते हुए लिखा, "हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे, केंद्र में मंत्री रहे, 9 बार विधायक और 3 बार सांसद रहे। आधुनिक हरियाणा के निर्माता, 36 बिरादरियों के दिलों में बसने वाले युगपुरुष बिश्नोई रत्न स्व. चौधरी भजनलाल जी को हम आज भी नमन करते हैं।" 

पुण्यतिथि समारोह के बाद कुलदीप बिश्नोई आदमपुर भी गए जहां चौधरी भजनलाल की समाधि स्थल है। वहां उन्होंने समाधि पर पुष्प अर्पित किए और अपने पिता को नमन किया। 

पिछले साल भी कुलदीप बिश्नोई ने इसी तरह अपने पिता की पुण्यतिथि मनाई थी। उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिसार के बिश्नोई मंदिर में आयोजित गुरु जंभेश्वर महाराज के अवतार दिवस समारोह में शिरकत की थी। उन्होंने चौधरी भजनलाल की प्रतिमा का भी अनावरण किया था। 

इस तरह पिता-पुत्र की गहरी लगाव और कृतज्ञता का यह नजारा बिश्नोई मंदिर में एक बार फिर देखने को मिला। कुलदीप बिश्नोई ने साफ शब्दों में कहा कि उनके पिता ने ही उन्हें बनाया है।

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