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हिसार एयरपोर्ट: उड़ानों की कमी, उद्घाटनों की भरमार

हिसार एयरपोर्ट: उड़ानों की कमी, उद्घाटनों की भरमार

सीएम नायब सैनी के आगामी उद्घाटन पर हिसार संघर्ष समिति ने उठाए सवाल, 37 करोड़ के खर्च और बार-बार के उद्घाटनों पर मांगा जवाब

15 अगस्त 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहला उद्घाटन किया था।

उद्घाटनों की राजनीति: विकास या वोट बैंक? 

हिसार एयरपोर्ट की कहानी उद्घाटनों और शिलान्यासों से भरी हुई है। पिछले पांच वर्षों में, इस एयरपोर्ट का पांच बार उद्घाटन या शिलान्यास हो चुका है। 15 अगस्त 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहला उद्घाटन किया था। उस समय उन्होंने घोषणा की थी कि दो महीने में विमानों की उड़ान शुरू हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

इसके बाद सितंबर 2019 में 'उड़े देश का आम नागरिक' योजना के तहत एयर शटल सेवाओं का उद्घाटन हुआ। खट्टर खुद पहली उड़ान में चंडीगढ़ गए, लेकिन यह सेवा सात महीने में ही बंद हो गई। 2020 और 2023 में भी रनवे विस्तार और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम का शिलान्यास हुआ। अब 20 जून को सीएम नायब सैनी एक बार फिर उद्घाटन करने जा रहे हैं। 

37 करोड़ का रहस्य: किस पर खर्च हुआ पैसा? 

हिसार संघर्ष समिति के अध्यक्ष जितेंद्र श्योराण ने एक बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में बताया था कि हिसार एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए 37.81 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन जब एयरपोर्ट से एक भी उड़ान नहीं भरी गई, तो यह पैसा कहाँ और किस पर खर्च हुआ?

समिति ने इस खर्च का पूरा हिसाब मांगा है। वे 14 जून को जिला उपायुक्त से और 20 जून को मुख्यमंत्री से इस बारे में जवाब मांगेंगे। उनका कहना है कि जनता के पैसे का इस तरह दुरुपयोग अनुचित है। 

विरोध की तैयारी: क्या होगा 20 जून को? 

हिसार संघर्ष समिति ने 20 जून को होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध करने की योजना बनाई है। वे स्थानीय लोगों को साथ लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी का विरोध करेंगे। उनका कहना है कि जब एयरपोर्ट से अभी तक कोई उड़ान नहीं भरी गई, तो बार-बार उद्घाटन का क्या मतलब है? 

समिति का आरोप है कि भाजपा नेता और नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता एयरपोर्ट के नाम पर हिसार की जनता को गुमराह कर रहे हैं। उनका कहना है कि एयरपोर्ट उद्घाटन स्थली बन गया है, जहां हर नेता आता है, नारियल फोड़ता है और चला जाता है, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकलता।

एयरपोर्ट की वर्तमान स्थिति: क्या है तैयार? 

हालांकि सरकार का दावा है कि एयरपोर्ट पर कई सुविधाएं तैयार हो चुकी हैं। 10 हजार फीट का रनवे बन चुका है। कैट लाइट लगी है, जिससे रात में भी विमान उतर सकेंगे। पैसेंजर टर्मिनल की क्षमता 50 से बढ़ाकर 150 कर दी गई है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर, फ्यूल टैंक सिस्टम और 33 केवीए का बिजली सब स्टेशन भी तैयार है।

सरकार ने एयरपोर्ट का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखा है। पिछले साल मार्च में तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने घोषणा की थी कि नवंबर 2023 में उड़ानें शुरू हो जाएंगी। आठ रूट भी तय किए गए थे, जिसमें हिसार से वाराणसी, आगरा, उदयपुर, जैसलमेर, देहरादून, अमृतसर, जम्मू और कुल्लू शामिल थे। लेकिन अभी तक कोई उड़ान शुरू नहीं हुई है। 

इस विवाद के बीच, हिसार के लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब उनके शहर से वाकई में विमान उड़ेंगे। क्या 20 जून का उद्घाटन कुछ नया लाएगा या फिर यह भी पिछले उद्घाटनों की तरह सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम बनकर रह जाएगा, यह देखना बाकी है।

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