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भूपेंद्र सिंह हुड्डा मेरे मित्र व मेरे बड़े भाई : यह मुझे छोड़ सकते हैं, लेकिन मैं इन्हें छोड़ने वाला नहीं हूं : कुलदीप शर्मा

भूपेंद्र सिंह हुड्डा मेरे मित्र व मेरे बड़े भाई : यह मुझे छोड़ सकते हैं, लेकिन मैं इन्हें छोड़ने वाला नहीं हूं : कुलदीप शर्मा

कांग्रेस नेता व पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के भाजपा में जाने की चर्चाओं पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लगाया विराम…! भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मित्र कुलदीप शर्मा ने लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज़ चल रहे इसलिए उनके भाजपा में जाने की अटकलें लगायी जा रही थी, कुलदीप भी नहीं कहा यह मुझे छोड़ सकते हैं लेकिन मैं इन्हें छोड़ने वाला नहीं

कांग्रेस नेता व पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा

लोकसभा चुनाव के दौरान से ही हरियाणा की राजनीति में दल बदल का दौर जारी है और पार्टी बदलने का मुख्य कारण टिकट कटना या टिकट मिलने की उम्मीद के बाद भी टिकट न मिलना है। ऐसे में बात कांग्रेस पार्टी की हो तो कई कांग्रेसी नेताओं द्वारा भाजपा ज्वाइन करने की चर्चा निरंतर जारी है।

इसी कड़ी में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं लगातार चल रही थीं लेकिन अब इन चर्चाओं पर विराम लग गया। बता दें कि कुलदीप शर्मा ने सोनीपत में पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में समर्थकों से रूबरू होते हुए कहा कि वह अभी विदेश से लौटे हैं।

यह मुझे छोड़ सकते हैं लेकिन मैं इन्हें छोड़ने वाला नहीं हूं

आगे उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में अपनी बात रखते हुए कहा कि मजबूती से आप लोग कांग्रेस के साथ खड़े रहे हैं और कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस के नेताओं में अपना विश्वास रखिए और विधानसभा चुनाव में आपकी जीत निश्चित है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा मेरे मित्र व मेरे बड़े भाई हैं। यह मुझे छोड़ सकते हैं लेकिन मैं इन्हें छोड़ने वाला नहीं हूं। 

कुलदीप शर्मा को पार्टी छोड़कर नहीं जाने देंगे : हुड्डा

गौरतलब है कि हरियाणा कांग्रेस में पिछले 10 साल में कई बड़े दिग्गज नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं, लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिला कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सार्वजनिक मंच पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच किसी नेता से मुखातिब होते हुए स्पष्ट कहा कि वह कुलदीप शर्मा को पार्टी छोड़कर नहीं जाने देंगे। राजनीतिक जानकारी का मानना है कि कुलदीप शर्मा और उनके परिवार का राजनीतिक कद प्रदेश की सियासत में इतना बड़ा है कि हुड्डा को खुद पार्टी नहीं छोड़ने के लिए कहना पड़ा।

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