अम्बाला जिले के शेरपुर गांव निवासी नायक गुरप्रीत सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव शेरपुर में भारतीय सेना की 146 एलटी एएडी एसपी रेजिमेंट के जवानों ने हथियार उल्टे करके, मातमी धुन बजाकर व हवा में गोलियां दागकर शहीद को सलामी दी। इस दौरान एसडीएम अश्वनी मलिक, डीएसपी सुरेश कुमार, कैप्टन ए के सारण जिला सैनिक बोर्ड अम्बाला व कैप्टन मोहित कुमार व अन्य ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र भेंट कर श्रद्धांजलि दी।
पैर फिसलने से बर्फीले पानी में गिरने से हो गई थी मौत
बराड़ा के एसडीएम अश्वनी मलिक ने सेना के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बताया कि शहीद गुरप्रीत सिंह लेह लद्दाख में 04 लद्दाख स्काउट्स यूनिट में ड्यूटी पर तैनात थे। ड्यूटी के दौरान गश्त करते हुए पैर फिसलने से बर्फीले पानी में गिरने से उसकी मृत्यु हो गई थी। उन्होंने बताया कि गत 04 जुलाई को शहीद गुरप्रीत सिंह घर पर छुट्टी काटने के बाद ड्यूटी पर गए थे। यहां बता दें कि नायक शहीद गुरप्रीत सिंह के पिता दलीप सिंह भी सेना से रिटायर हैं और उनसे ही प्रेरित होकर गुरप्रीत सिंह ने सेना में भर्ती हुए थे।
वर्ष 2014 में पंजाब रेजिमेंट में बतौर सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे
परिजनों के अनुसार गुरप्रीत सिंह वर्ष 2014 में पंजाब रेजिमेंट में बतौर सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे और गुरप्रीत सिंह अभीहाल में 4 लद्दाख स्काउट में पोस्टिड था। स्वर्गीय नायक गुरप्रीत सिंह अपने पीछे अपने पिता दलीप सिंह, माता दवेंद्र कौर, पत्नी हरलीन कौर, बड़ा लडक़ा चार साल का सहजवीर व छोटा लकड़ा एक साल का तेजवीर सिंह के साथ-साथ एक बहन मनप्रीत कौर को छोड गया है जिनकी शादी हो चुकी है। अंतिम संस्कार में गांववासियों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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