.webp)
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ चल रहे जूनियर महिला कोच यौन शोषण मामले में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ है। चंडीगढ़ की जिला अदालत ने सोमवार को संदीप सिंह पर औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला दिसंबर 2022 से चल रहा है, जब एक जूनियर महिला कोच ने संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
अदालत ने संदीप सिंह पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 354-बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य) के तहत आरोप तय किए हैं।
इस फैसले के साथ ही अदालत ने संदीप सिंह की ओर से दायर की गई डिस्चार्ज याचिका को भी खारिज कर दिया है। संदीप सिंह ने इस याचिका में दावा किया था कि उन्हें राजनीतिक दुश्मनी के कारण झूठे मामले में फंसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा था कि शिकायतकर्ता ने उनकी विदेश में प्रशिक्षण और नियुक्ति की मांगें पूरी न होने पर झूठे आरोप लगाए हैं।
इसके अलावा, अदालत ने शिकायतकर्ता द्वारा दायर की गई एक याचिका को भी खारिज कर दिया है। इस याचिका में शिकायतकर्ता ने मामले में बलात्कार के आरोप जोड़ने की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 209 के तहत यह याचिका दायर की थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 511 को जोड़ने की मांग की गई थी।
मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त 2024 को निर्धारित की गई है, जहां अभियोजन पक्ष अपने साक्ष्य पेश करेगा। यह घटनाक्रम इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो पिछले डेढ़ साल से चर्चा में है।
यह मामला 26 दिसंबर 2022 को सामने आया था, जब एक जूनियर महिला कोच ने संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि संदीप सिंह ने 1 जुलाई 2022 को अपने सरकारी आवास पर उनका यौन उत्पीड़न किया था। पुलिस ने जांच के बाद 31 दिसंबर 2022 को रात 11 बजे सेक्टर-26 थाने में संदीप सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था।
इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था, जिसमें साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उषा और एक महिला सब-इंस्पेक्टर को शामिल किया गया था। एसआईटी की जांच के बाद संदीप सिंह पर भारतीय दंड संहिता की धारा 509 का आरोप भी जोड़ा गया था।
यह मामला राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर काफी संवेदनशील रहा है। एक ओर जहां इस मामले ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों और सत्ता में बैठे लोगों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने के मुद्दे को उठाया है, वहीं दूसरी ओर इसने राजनीतिक षड्यंत्रों और झूठे आरोपों के मुद्दे को भी सामने लाया है।
related
.webp)
.webp)
अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने वाले असिस्टेंट इंजीनियर 'सस्पेंड' के बाद कुछ ही घंटे में 'बहाल'...क्या है माजरा ?

कानून- व्यवस्था पर हाई लेवल मीटिंग : फिरौती मामलों और महिला सुरक्षा पर मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश, पुलिस अधिकारी मुस्तैदी से करें काम

गुरुग्राम में पानी निकासी मुद्दे पर विज का 'विपक्ष' पर पटलवार, बोले - 'जब गुरुग्राम बसा था उस समय विपक्ष की ही सरकारें थी'
Latest stories

यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज के लिए नामित हुआ ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’...अंतिम घोषणा का इंतजार, लैंडस्केप के बारे में विस्तार से जानें

पड़ोसी मुल्क में भी गूंजती है ‘ॐ नम: शिवाय’ की धुन, यहां भी हैं भगवान शिव के अनेक ऐतिहासिक मंदिर
.webp)
30 व 31 जुलाई को आयोजित होगी HTET की परीक्षा, प्रदेशभर के 673 परीक्षा केंद्रों पर कुल 4,05,377 अभ्यर्थी देंगे परीक्षा