बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) ने पंजाब के युवाओं को नशे से दूर रखने के उद्देश्य से एक नई पहल की है। इस पहल के तहत बीएसएफ ने युवाओं को आईईएलटीएस (अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा परीक्षण प्रणाली) की कोचिंग देने का निर्णय लिया है। पंजाब में नशे की समस्या गंभीर है, और इस प्रकार की पहल का उद्देश्य युवाओं को एक सकारात्मक दिशा में ले जाना है, ताकि वे नशे से दूर रह सकें और अपने करियर में बेहतर संभावनाएं तलाश सकें।
युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए बीएसएफ का प्रयास
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि पंजाब के युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए बीएसएफ अपने सामुदायिक प्रयास के तहत आईईएलटीएस कोचिंग प्रदान कर रहा है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पंजाब फ्रंटियर के महानिरीक्षक अतुल फुलजेले ने कहा कि बल ने नागरिक कार्रवाई कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए धन का उपयोग दो "अच्छे अंग्रेजी बोलने वाले" शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए किया, जो राज्य के तरनतारन जिले के अमरकोट में युवाओं को यह प्रशिक्षण दे रहे हैं।
यह कदम युवाओं को अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा
आईईएलटीएस एक प्रमुख अंग्रेजी भाषा दक्षता परीक्षा है जो उन लोगों के लिए अनिवार्य होती है जो विदेश में अध्ययन, काम या स्थायी रूप से बसने की योजना बना रहे होते हैं। यह परीक्षा चार मुख्य मॉड्यूल्स पर आधारित होती है: सुनना, पढ़ना, लिखना और बोलना। आईईएलटीएस की लोकप्रियता और महत्व को देखते हुए, यह कदम युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा।
एक बेहतर भविष्य की दिशा में प्रेरित करने के लिए आईईएलटीएस कोचिंग शुरू
बीएसएफ ने पंजाब के युवाओं को नशे की दलदल से बाहर निकालने और उन्हें एक बेहतर भविष्य की दिशा में प्रेरित करने के लिए आईईएलटीएस कोचिंग शुरू की है। बीएसएफ का मानना है कि अगर युवाओं को बेहतर शिक्षा और करियर के विकल्प दिए जाएं, तो वे नशे की ओर आकर्षित नहीं होंगे। इस पहल के माध्यम से बीएसएफ उन्हें विदेशों में अध्ययन और काम करने के अवसर प्रदान करना चाहता है, जिससे वे एक सुरक्षित और समृद्ध जीवन जी सकें।
आईईएलटीएस कोचिंग पूरी तरह से निशुल्क
बीएसएफ द्वारा दी जाने वाली आईईएलटीएस कोचिंग पूरी तरह से निशुल्क है, और इसके लिए पंजाब के ग्रामीण इलाकों में विशेष कोचिंग सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इन कोचिंग सेंटर्स में पेशेवर प्रशिक्षकों द्वारा युवाओं को आईईएलटीएस की तैयारी करवाई जाएगी। कोचिंग के दौरान उन्हें परीक्षा के सभी चार मॉड्यूल्स में निपुण बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बीएसएफ की यह कोशिश असरदार साबित हो रही
इस पहल का पंजाब के युवाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आईईएलटीएस कोचिंग के माध्यम से उन्हें न केवल शिक्षा और करियर के बेहतर विकल्प मिल रहे हैं, बल्कि यह पहल उन्हें नशे से दूर रखने में भी सफल हो रही है। बीएसएफ की यह कोशिश पंजाब के ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में खास तौर पर असरदार साबित हो रही है, जहां नशे की समस्या अधिक गंभीर है।
यह पहल नशे से दूर रखने में भी सफल
पंजाब में नशे की समस्या काफी गंभीर है, और इसे नियंत्रित करने के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठन प्रयासरत हैं। बीएसएफ की इस पहल को नशे के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। बीएसएफ न केवल पंजाब की सीमाओं की सुरक्षा कर रहा है, बल्कि इस तरह की सामाजिक पहल के माध्यम से वह राज्य के युवाओं के भविष्य को भी सुरक्षित बनाने में योगदान दे रहा है।
बीएसएफ की आईईएलटीएस कोचिंग पहल न केवल पंजाब के युवाओं के लिए शिक्षा और करियर के नए रास्ते खोल रही है, बल्कि यह उन्हें नशे से दूर रखने में भी सफल हो रही है। यह एक सकारात्मक और स्वागत योग्य कदम है, जो पंजाब में नशे की समस्या को कम करने और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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