नायब सैनी का राजनीतिक सफर: हार से जीत तक
नायब सिंह सैनी का राजनीतिक सफर 2009 में शुरू हुआ। उन्होंने अपना पहला चुनाव नारायणगढ़ से लड़ा, लेकिन हार गए। पर हार से निराश नहीं हुए। 2014 में फिर से नारायणगढ़ से चुनाव लड़ा और इस बार जीत गए। यह उनकी पहली बड़ी जीत थी, जिसने उन्हें विधानसभा में पहुंचाया।
लोकसभा से मुख्यमंत्री तक का सफर
2019 में भाजपा ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी। उन्हें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला। सैनी ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। यह जीत उनके राजनीतिक करियर में एक बड़ा मोड़ साबित हुई।
2023 में उनकी किस्मत ने एक और करवट ली। उन्हें हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। और फिर 12 मार्च 2024 को, भाजपा ने उन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया। यह उनके राजनीतिक सफर का सबसे बड़ा पड़ाव था।
नई चुनौती: लाडवा से चुनाव
अब 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें एक नई चुनौती दी है। उन्हें लाडवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। यह उनकी चौथी अलग सीट है। इससे पहले वे करनाल से विधायक थे, जो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का गढ़ माना जाता था।
सवाल यह उठता है कि जब भाजपा हरियाणा में अपनी लहर की बात कर रही है, तो फिर मुख्यमंत्री की सीट क्यों बदली गई? क्या यह रणनीति है या कोई और वजह है?
दोहरी जिम्मेदारी: नई सीट और तीसरी जीत
नायब सिंह सैनी के सामने अब दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली, एक नए क्षेत्र लाडवा में अपनी जगह बनाना और वहां के लोगों का विश्वास जीतना। दूसरी, भाजपा को हरियाणा में तीसरी बार सत्ता में लाना।
यह चुनाव न सिर्फ नायब सैनी के लिए, बल्कि पूरी भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस चुनाव का नतीजा तय करेगा कि क्या भाजपा हरियाणा में अपना दबदबा बनाए रख पाएगी या नहीं।
द हरियाणा स्टोरी आगे भी नायब सिंह सैनी के इस नए राजनीतिक सफर पर नजर बनाए रखेगा और आपको हर अपडेट देता रहेगा।