देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा की मां, सरोज देवी के हाथ का बना चूरमा खाया। यह चूरमा उन्होंने नवरात्रि के उपवास से पहले अपने लिए मुख्य अन्न बताया। पीएम मोदी ने सरोज देवी को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
पत्र में मोदी ने लिखा कि उन्हें जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस के साथ भोज के दौरान नीरज से मिलने का अवसर मिला। नीरज ने उन्हें अपनी मां का बनाया चूरमा पेश किया, जिसे खाकर पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि नीरज अक्सर चूरमे की तारीफ करते थे, लेकिन इसे खाकर उन्हें अपनी मां की याद आ गई।
न केवल स्वादिष्ट था, बल्कि उनके मातृत्व का प्रतीक भी था
मोदी ने यह भी बताया कि यह संयोग है कि उन्हें यह प्रसाद नवरात्र के पहले दिन मिला। उन्होंने चूरमे को अपने उपवास के पहले दिन का मुख्य भोजन मानते हुए कहा कि यह उन्हें अगले नौ दिनों में राष्ट्र सेवा की ऊर्जा देगा। इस पत्र के माध्यम से पीएम मोदी ने सरोज देवी के प्रति आभार प्रकट किया और यह भी बताया कि नीरज का यह उपहार न केवल स्वादिष्ट था, बल्कि उनके मातृत्व का प्रतीक भी था।
जानिए मोदी ने क्या लिखा है पत्र में
आदरणीया सरोज देवी जी, सादर प्रणाम!
आशा है आप स्वस्थ, सकुशल और सानंद होंगी।
कल जमैका के प्रधानमंत्री जी की भारत यात्रा के अवसर पर आयोजित भोज में मुझे भाई नीरज से मिलने का अवसर मिला। उनसे चर्चाओं के बीच मेरी खुशी तब और बढ़ गई, जब उन्होंने मुझे आपके हाथों से बना स्वादिष्ट चूरमा दिया। आज इस चूरमे को खाने के बाद आपको पत्र लिखने से खुद को रोक ना सका। भाई नीरज अक्सर मुझसे इस चूरमे की चर्चा करते हैं, लेकिन आज इसे खाकर मैं भावुक हो गया। आपके अपार नेह और अपनेपन से भरे इस उपहार ने, मुझे मेरी मां की याद दिला दी। मां शक्ति, वात्सल्य और समर्पण का रूप होती है। यह संयोग ही है कि मुझे मां का ये प्रसाद नवरात्र पर्व के एक दिन पहले मिला है। मैं नवरात्रि के इन 9 दिनों में उपवास करता हूं। एक तरह से आपका ये चूरमा मेरे उपवास के पहले मेरा मुख्य अन्न बन गया है। जिस तरह आपका बनाया भोजन जैसे भाई नीरज को देश के लिए मेडल जीतने की ऊर्जा देता है। वैसे ही ये चूरमा, अगले 9 दिन मुझे राष्ट्र सेवा की शक्ति देगा। शक्ति पर्व नवरात्र के इस अवसर पर मैं आपके साथ, देशभर की मातृशक्ति को ये विश्वास दिलाता हूं कि मैं विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए और अधिक सेवाभाव से निरंतर काम में जुटा रहूंगा।
आपका हृदय से आभार !
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