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The Haryana Story | तेल पाइपलाइन विवाद : किसानों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दिया 7 दिन का समय

तेल पाइपलाइन विवाद : किसानों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दिया 7 दिन का समय

बवाल के दौरान पुलिस ने पहले दिन 24 और दूसरे दिन करीब 42 किसानों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें कुछ घंटे बाद छोड़ दिया

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना क्षेत्र में किसानों और पुलिस के बीच आमना-सामना हो गया है। किसान यहां बिछाई जा रही तेल पाइपलाइन का विरोध कर रहे हैं और किसानों ने इस कार्य को रुकवाने का प्रयास किया। पुलिस ने किसानों को हटाना चाहा, तो यहां हंगामा हो गया। सूत्रों के अनुसार इस बवाल के दौरान पुलिस ने पहले दिन 24 और दूसरे दिन करीब 42 किसानों को हिरासत में ले लिया।

पाइप लाइन दबाने का काम 15 नवंबर तक बंद

इस पूरे घटनाक्रम के चलते जिला पुलिस और प्रशासन के साथ सरकार भी पूरी स्थिति पर नजर रख रही है। वहीं बवाल के बाद आंदोलनकारी किसानों और प्रशासन में सकारात्मक बातचीत के बाद पाइप लाइन दबाने का काम 15 नवंबर तक बंद कर दिया गया है। यह निर्णय गुरुवार को शहर के लघु सचिवालय में किसान नेताओं की टीम और एसडीएम अंजली श्रोत्रिय के मध्य हुई बैठक में हुआ। किसानों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 7 दिन का समय दिया है। उन्होंने पाइप लाइन दबाने का काम रुकवाने के फैसले का स्वागत किया है।

इस बात पर भड़के हुए हैं किसान, 3 माह से जारी है धरना

उल्लेखनीय है कि गोहाना के गांव कोहला के खेतों में न्यू मुद्रा गुजरात से पानीपत रिफाइनरी तक पाइप लाइन को बिछाने का काम किया जा रहा है। जमीन के मुआवजे को किसान अपर्याप्त बता रहे हैं। उनका यह भी आरोप है कि सरकार मुआवजे को लेकर भेदभाव कर रही है। पानीपत के किसानों को अपेक्षाकृत ज्यादा दरों से मुआवजा दिया गया है। इस के विरोध किसान 6 अगस्त से कोहला गांव में धरने पर बैठे हुए हैं।

किसानों ने एक हफ्ते का समय प्रशासन को दिया

इसी बीच मंगलवार को प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल को साथ लेकर गांव कोहला में तेल सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू करा दिया था, तो धरने पर बैठे किसानों ने इस काम करने पर विरोध किया तो पुलिस ने मंगलवार और बुधवार को किसानों को हिरासत में लिया कुछ घंटे बाद छोड़ दिया था। जिसके बाद गुरुवार को आंदोलनकारी किसानों और प्रशासन में सकारात्मक बातचीत के बाद किसान को हिरासत से रिहा कर दिया गया और किसानों ने एक हफ्ते का समय प्रशासन को दिया। 

धरना अभी जारी रहेगा जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाती

बता दें कि गुरुवार को किसान नेताओं ने गांव कोहला में पंचायत बुलाने का निर्णय लिया था। गुरुवार को लघु सचिवालय में प्रशासन और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत हुई। बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर बलबीर सिंह, किसान कामगार अधिकार मोर्चा  के संयोजक सतेंद्र लोहचब, भारतीय किसान यूनियन के युवा के प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद  समेत कई नेता पहुंचे। किसानों ने आई.ए.एस. अधिकारी और एस.डी.एम. अंजलि श्रोत्रिय से बातचीत की।

मांगों को लेकर सरकार से बातचीत की जाएगी और समाधान करवा दिया जाएगा

इस लम्बी वार्तालाप में  किसानों को आश्वासन दिया गया कि सरकार से उनकी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत की जाएगी और समाधान करवा दिया जाएगा। इस के लिए किसानों ने सात दिन का समय देने को तैयार हो गए। इस पर प्रशासन ने 15 नवंबर तक पाइप लाइन दबाने का काम बंद करने का निर्णय किया। साथ में कोहला गांव के धरना स्थल से प्रशासन पुलिस को भी हटा लेगा। किसान नेताओं ने कहा यह धरना अभी जारी रहेगा जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाती।

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