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The Haryana Story | दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को अब कहीं नहीं मिलेगी 'ऐसी भेलपुरी की स्वादिष्ट प्लेट'.. ‘पिंकी अंकल’ नहीं रहे

दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को अब कहीं नहीं मिलेगी 'ऐसी भेलपुरी की स्वादिष्ट प्लेट'.. ‘पिंकी अंकल’ नहीं रहे

कामयाबी मानो इसी भेलपुरी के इंतजार में थी

प्रतीकात्मक तस्वीर

उनकी भेलपुरी की प्लेट के ही नहीं, स्टूडेंट्स उनके मजाकिया अंदाज के भी फैन थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के ‘पिंकी अंकल’, जिनकी भेलपुरी का स्वाद पूरे कैंपस में मशहूर था, 17 नवंबर को दुनिया को अलविदा कह गए। DU स्टूडेंट्स के लिए नॉर्थ कैंपस के लॉ सेंटर की पुरानी इमारत के किनारे का एक खास कॉर्नर सूना हो गया।

उनके हाथों के जादू ने तो उन्हें पहले ही स्टार बना दिया,मगर... 

सुनील सेठी उर्फ़ पिंकी अंकल पिछले 40 सालों से अपना स्वाद का ठेला नॉर्थ कैंपस में लगा रहे थे। सुनील बताते थे कि इस काम से पहले उन्होंने कई काम में हाथ आजमाया, खूब मेहनत की मगर कामयाबी कहीं नहीं मिली। फिर जब उन्होंने भेलपुरी का ठेला लगाना शुरू किया तो कामयाबी मानो इसी भेलपुरी के इंतजार में थी। सुनील और उनकी पत्नी ने मिलकर अपना कारोबार बसाया था, जिसे स्टूडेंट्स के प्यार ने उड़ान दी। उनके हाथों के जादू ने तो उन्हें पहले ही स्टार बना दिया था मगर सोशल मीडिया में जब एक के बाद एक उनके विडियो फूड ब्लॉगर्स ने बनाना शुरू किए तो वह और पॉपुलर बन गए।

मजाकिया बातें और हाजिरजवाब अंदाज

सुनील सेठी की पहचान सिर्फ उनके स्वादिष्ट भेलपूरी से नहीं थी, बल्कि उनकी मजाकिया बातें और हाजिरजवाब अंदाज भी छात्रों के बीच लोकप्रिय था। अक्सर वे छात्रों के सवालों का जवाब हंसी-ठिठोली में देते थे। जब कोई उनसे इमली की चटनी की रेसिपी पूछता तो वह कहते, "भेलपूरी की प्लेट 60 रुपये, चटनी की रेसिपी ढाई लाख। दो तो बताऊं?" और यदि कोई उनका हाल-चाल पूछता तो वे हंसी मजाक में जवाब देते, "पिछले हफ्ते ही 22 का हुआ हूं।" उनके हंसी-मजाक का तरीका इतना आकर्षक था कि हर कोई उनसे हंसी-ठिठोली करने के लिए आता था।

"घर में आपकी आंटी मौका नहीं देती, तो यहीं बोलता हूं!"

एक बार एक छात्र ने उनसे कहा, "अंकल, मजेदार बातें करते हो," तो पिंकी अंकल ने जवाब दिया, "घर में आपकी आंटी मौका नहीं देती, तो यहीं बोलता हूं!" उनके ये चुटकुले और मजेदार जवाब न केवल छात्रों का मूड हल्का कर देते थे, बल्कि एक ऐसा आत्मीय रिश्ता भी बना लेते थे, जो सिर्फ ग्राहक और विक्रेता के बीच नहीं, बल्कि दो अच्छे दोस्तों के बीच होता है।

आज जब वह दुनिया में नहीं रहे, तो स्टूडेंट्स उन्हें दिल से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सेकंड ईयर के स्टूडेंट निखिल सिंगला कहते हैं, “भेलपुरी की वो 60 रुपए की स्वादिष्ट प्लेट अब कहीं नहीं मिलेगी।” अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो क्या आपने कभी पिंकी अंकल की भेलपुरी खाई है? अगर आपके पास भी उनसे जुड़ी कोई कहानी है, तो शेयर करें! 

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