
जुए में देनदारी बढ़ने के बाद आरोपी हेड कांस्टेबल (नरेंद्र) ने ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर रोडवेज चालक संदीप का अपहरण करने का प्लान बनाया और दो करोड़ की फिरौती मांगी। आरोपियों ने नंबर प्लेट उतारकर गाड़ी में रख ली और एक जनवरी को भी आरोपी अपहरण करने के लिए संदीप के घर गए थे, लेकिन संदीप वहां नहीं मिला। आरोपी हेड कांस्टेबल एक साल पहले संदीप के पास अपने भाई को विदेश भेजने की बात करने आया था, तभी से संदीप के नजदीक रहता था। हेड कांस्टेबल नरेंद्र की संदीप के पैसों पर थी नज़र हरियाणा रोडवेज के चालक एवं विदेश भेजने वाले एजेंट संदीप नरवाल का अपहरण करके दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगने के लिए पुलिस ने बुधवार को नया खुलासा कर दिया है।
कर्जा उतारने का प्लान बनाया
पुलिस के अनुसार जुए में देनदारी बढ़ने के कारण आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र वासी कापड़ो हिसार ने कर्जा उतारने का प्लान बनाया था। नरेंद्र और रोडवेज चालक संदीप नरवाल आपस में खास जानकार थे। एक साल पहले नरेंद्र अपने भाई को विदेश भेजने के लिए संदीप नरवाल से मिला था, लेकिन नरेंद्र के पास पैसों का जुगाड़ नहीं हुआ। इस कारण नरेंद्र अपने भाई को विदेश नहीं भेज सका, लेकिन नरेंद्र तभी से संदीप के संपर्क में रहने लगा था। नरेंद्र ने देखा कि संदीप कुछ ही दिनों में करोड़पति हो चुका है। वह प्रोपर्टी जोड़ रहा है। दूसरी तरफ, नरेंद्र जुए में खेलते हुए पैसे हार चुका था। इसलिए नरेंद्र ने प्लान बनाया कि दो करोड़ रुपए कमाने के लिए किसी का अपहरण करते हैं। इसलिए उसने संदीप का ही अपहरण करके पैसे कमाने का प्लान बनाया।
ऐसे रचा किडनैपिंग का षड्यंत्र
आरोपी नरेंद्र ने अपने दोस्त अक्षय वासी भैंसवाल और सुरेंद्र वासी हलालपुर सोनीपत से संपर्क किया गया। सीआईए टू के जांच अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि तीनों आरोपी मधुबन में इकट्ठा हुए। अक्षय अपनी कार लेकर आया और कार की नंबर प्लेट गाड़ी की डिग्गी में रख ली। आरोपी एक जनवरी को संदीप नरवाल के घर गांव नरूखेड़ी पहुंचे। वहां पर संदीप के बारे में पूछा, लेकिन संदीप घर पर नहीं मिला।
परिवार के लोगों से विदेश भेजने संबंधित बातचीत करके संदीप के बारे में घर आने जाने के बाद में और भी जानकारी जुटाई। उस दिन वह नरूखेड़ी गांव में दो से तीन घंटे तक रूके। फिर वह पूरी प्लानिंग के साथ 4 जनवरी दोपहर के समय आए। संदीप नरवाल की बेटी कोचिंग लेती है। वह बेटी को गांव के अड्डे पर छोड़कर वापस चलने लगा तो अक्षय ने कार चलाते हुए संदीप की बाइक के आगे अड़ा दी।
संदीप के पिता को फ़ोन कर मांगी 2 करोड़ की फिरौती
अक्षय और सुरेंद्र कार से पिस्तौल के साथ उतरे और संदीप की कनपटी पर लगा दी। कार में बैठाकर चल दिए। इस दौरान आरोपी नरेंद्र ड्राइवर की साइड वाली सीट पर बैठा रहा। पुलिस जांच अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि आरोपियों ने संदीप के मोबाइल से सिम निकाली और नए फोन में डालकर एक घंटे बाद संदीप के पिता धर्मबीर को फोन किया गया।
आरोपी ने कहा कि उन्होंने दो करोड़ रुपए चाहिए। संदीप की सलामती चाहते तो पुलिस को बगैर बताए ही पैसों का तुरंत इंतजाम कर दिया। धर्मबीर ने ज्यादा पैसे कहने लगा तो आरोपी डेढ़ करोड़ रुपए में आ गए। इनकी 80 लाख रुपए में बात पक्की हो गई। इस दौरान आरोपी गोहाना एरिया के गांवों में घुम रहे थे। आरोपियों ने कहा कि 80 लाख रुपए लेकर असंध आ जाओ। हम संदीप को वहीं पर छोड़ देंगे।
कार की पहचान करके पुलिस ने पीछा किया
आरोपी सालवन गांव से एरिया से आ रहे थे उनकी कार की पहचान करके पुलिस ने पीछा किया। आरोपियों ने पुलिस को देखकर उनकी गाड़ी पर आरोपी सुरेंद्र ने गोली चला दी। धुंध ज्यादा होने के कारण वह फरार हो गए। फिर उनकी लॉकेशन गोहाना एरिया के बीचपड़ी गांव की आई। वहां पर पुलिस ने पीछा शुरू किया। धुंध ज्यादा होने के कारण आरोपियों ने 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से कार चलाई। गोहाना एरिया के मोड पर जाकर आरोपियो की गाड़ी पलट गई और उनको तुरंत दबोच लिया गया। 5 जनवरी को कोर्ट में पेश करके तीन दिन के रिमांड पर लिया गया। तीन दिन के रिमांड के दौरान पुलिस ने इस घटनाक्रम का पर्दाफाश किया है।
तीनों ही आरोपियों का पहला भी रहा आपराधिक रिकॉर्ड
हेड कांस्टेबल नरेंद्र पर उसकी भाभी ने रेप का केस दर्ज करवाया था। बाद में इनका समझौता हो गया था। आरोपी नरेंद्र जुए का आदी था, इसलिए उस पर करीब दो करोड़ रुपए की देनदारी बनी हुई थी और अब उसके पास काम चलाने के लिए पैसे भी नहीं थे। आरोपी अक्षय पर लड़ाई झगड़े का केस दर्ज है। आरोपी सुरेंद्र वर्ष 2007 से बदमाश है। उस पर लूट, डकैती, हत्या के प्रयास समेत छह केस दर्ज हैं। आरोपी सुरेंद्र पर एक लाख रुपए का इनामी भी रहा है। एक केस में वह भगोड़ा भी घोषित था। तीनों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।