
युवा भूलकर भी डोंकी के जरिये विदेश ना जाएं, बल्कि अपने देश में रहकर काम करें और अगर विदेश जाना ही है तो कानूनी तरीके से जाएं। चूंकि मैंने डोंकी का जान जोखिम में डालने वाला वो दर्दनाक मंजर और रास्ता देखा है। ये भावुक अपील है अमेरिका से डिपोर्ट होकर घर पहुंचे अम्बाला के बराड़ा गांव के उगाला निवासी गगनदीप का। गगनदीप का एक-एक शब्द और भाव रोगंटे खड़े करने वाला है। अपनी दर्दभरी दास्तां सुनाते हुए गगनदीप बेहद भावुक मन और नम आंखों से ये अपील करता रहा की कोई भी डोंकी से विदेश न जाए।
रोकी सिंह से इंस्टाग्राम के जरिये बात हुई
गगनदीप ने बताया कि अप्रैल 2023 में करनाल निवासी रोकी सिंह से इंस्टाग्राम के जरिये बात हुई तो विदेश भेजने का काम करता है। रोकी सिंह ने गगनदीप को बताया कि वह उसे अमेरिका भेज देगा और काम भी दिला देगा, इसके लिए रॉकी ने 17 लाख रुपए में सौदा तय किया और बताया कि वह इससे पहले भी कई युवाओं को अमेरिका में भेज चुका है और उन्हें सैटल करवा चुका है। गगनदीप रॉकी की बातों में आ गया और अपने दस्तावेज एवं 17 लाख रुपए रॉकी को दे दिए। एजेंट रोकी सिंह ने उसे कहा कि वह उसे स्टडी वीजा पर पहले इंग्लैंड भेजेगा। इसके बाद उसे वहां से अमेरिका भेज देगा।
6 महीने उसे कमरे पर ही रखा और उसे बाहर नहीं निकलने दिया
गगनदीप ने आगे बताया कि दिल्ली से स्टडी वीजा पर 12 अक्टूबर 2023 को इंग्लैंड के लिए रवाना हुआ। जहां वह लंदन में रोकी सिंह के डोंकर के पास रूका। यहां वह 1 साल 2 महीने रहा। इस दौरान 6 महीने उसे कमरे पर ही रखा और उसे बाहर नहीं निकलने दिया। इसके बाद बिल्डर के पास काम कराने लगे, जिसका उसे नाममात्र मेहनताना दिया। करीब 100 पोंड उसे हफ्ते के देते थे। जब गगनदीप ने रोकी सिंह और डोंकर को अमेरिका भेजने की बात कही तो उसे धमकाया गया कि उन्हें 14 लाख रुपए दो तभी भेजेंगे नहीं तो यहां फंसा देंगे।
रास्ते में उसके पैसे छीन लिए
तब उसके परिजनों ने रोकी सिंह को 14 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद डोंकर उसे लंदन से जाली वीजा पर स्पेन ले गए और वहां से ग्वाटेमाला ले गए। इसके बाद निकारागुआ ले गए। फिर यहां से टैक्सी में होंडर्स कंट्री ले गए। यहां से फिर उसे ग्वाटेमाला ले गए। रास्ते में उसके पैसे छीन लिए। ग्वाटेमाला में उसे चार दिन रखा उसे धमकाया और फिर पैसे की मांग की। यहीं नहीं डोंकर ने उससे मारपीट की और पिस्तौल निकालकर उसे जान से मारने की धमकी देते हुए हवाई फायर किया। उसे करीब दो दिनों तक जंगल में पैदल चलाया। इसके बाद डोंकर उसे बस से मैक्सिको ले गए जहां उसे एक सप्ताह रखा। मेक्सिको से अमेरिका के बॉर्डर तिजुआना में ले गए, जहां दीवार फांदकर जब वह अमेरिका में घुसे तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया।
बीफ वाली सेंडविच दी जाती थी
वहां उन्हें कैंप में रखा गया, जहां उन्हें खाने के नाम पर चिप्स और फ्रूटी दी जाती थी। फ्रूटी में केमिकल होने से उन्हें सिरदर्द हो जाता था, जिस कारण वह फ्रूटी नहीं पीते थे। इसके बाद उन्हें बीफ वाली सेंडविच दी जाती थी, उसे भी वहां नहीं खाते थे। हर तीन घंटे बाद उन्हें कभी खाने के नाम पर कभी सफाई के नाम पर उनके कमरे से उठाया जाता था, जिस कारण वह सो नहीं पाए। यदि भूख लगने पर वह सुरक्षाकर्मियों से कुछ मांगते थे तो उन्हें डांट दिया जाता था और खाने को कुछ नहीं देते थे।
अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने से 15 मिनट पहले ही उनकी हथकड़ी खोल दी थी
गगनदीप ने कहा कि भारत आने से पहले दो बार उन्हें हथकड़ी लगाकर बस में बैठाकर ले गए, लेकिन कुछ किलोमीटर दूर ले जाकर कई घंटे तक बस खड़ी करके रखते थे और फिर उन्हें वापिस कैंप में छोड़ दिया जाता था। भारत छोड़ने के लिए हथकड़ी लगाकर उन्हें ले जाने लगे तब भी उन्हें नहीं बताया कि भारत वापिस ले जा रहे हैं। उन्हें जहाज में ही एक सुरक्षाकर्मी ने जो हिंदी बोल सकता था, उसने बताया कि उन्हें भारत वापिस ले जाया जा रहा है। अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने से 15 मिनट पहले ही उनकी हथकड़ी खोल दी थी। इसके बाद उन्हें बस से अम्बाला लाया, जहां से उन्हें उनके घर छोड़ा गया।
अब पुलिस प्रशासन और सरकार से उम्मीद
गगनदीप ने बताया कि जो रोकी सिंह को पैसा दिया, उसके लिए उन्होंने होम लोन लिया, प्लॉट पर लोन लिया और गोल्ड लोन के अलावा रिश्तेदारों से उधार पैसा लिया था। यदि अमेरिका में काम लग जाता तो यह पैसा चुकता कर देते, लेकिन अब सारा पैसा पानी में जाने का गम सता रहा है। इतना पैसा वह कैसे चुकता करेंगे। गगनदीप ने कहा कि अब पुलिस प्रशासन और सरकार से उम्मीद है। पुलिस एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करें और उससे उसका पैसा वापस करवाएं और उनके रोजगार की व्यवस्था करें। प्रमोद राणा, थाना प्रभारी बराड़ा ने बताया कि गगनदीप की ओर से एजेंट के खिलाफ शिकायत दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और जांच जारी है। जांच के बाद आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।