15 अगस्त को लेकर वीरवार को पानीपत रेलवे स्टेशन एसपी रेलवेज नितिका गहलोत के दिशा निर्देश पर जीआरपी, आरपीएफ और मधुबन से आई डॉग स्क्वायड टीम ने संयुक्त रूप से चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी प्लेटफार्म पर टीमों ने जाकर यात्रियों के सामान की व चप्पे चप्पे की तलाशी ली, और संदिग्ध दिखने वाले यात्रियों से भी पूछताछ की। वहीं पर यात्रियों को बताया गया कि वे यात्रा करने के दौरान संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति दिखे तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। लावारिस वस्तुओं को छूने से बचें।
सुरक्षा की दृष्टि से चेकिंग अभियान चलाया
इस मौके पर जीआरपी थाना प्रभारी राजेश कुमार, आरपीएफ थाना प्रभारी दिनेश, डॉग स्क्वायड टीम के इंजार्च राजिन्द्र समेत अन्य स्टाफ भी मौजूद रहा। टीम ने चेंकिग अभियान चलाते पानीपत रेलवे स्टेशन पर खाने पीने वाली रेहडिय़ों पर रखे डस्टबिन खाली रखने को कहा गया। टीम ने स्टेशन पर वेटिंग रूम, टिकट खिडक़ी, आदि जगहों पर चेंकिग की। अनावश्यक रूप से बैठे हुए दिव्यांग और भिखारी व्यक्तियों को वहां से भगाया गया। इस मौके पर जीआरपी थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि 15 अगस्त को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से चेकिंग अभियान चलाया गया है। इस दौरान टीम को कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली हैं।
नाकाबंदी कर 450 वाहनों के चालकों की ब्रेथ एनालाइजर से जांच की गई
वहीं पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह आईपीएस के निर्देशानुसार पानीपत पुलिस ने देर शाम को ड्रिंक एंड ड्राइव के खिलाफ विशेष अभियान चलाया, जिसके तहत जिला पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा जगह-जगह पर नाकाबंदी कर 450 वाहनों के चालकों की ब्रेथ एनालाइजर से जांच की गई। इनमें नशे का सेवन करके वाहन चलाने वाले 23 वाहन चालकों के चालान किए और अत्याधिक शराब पीकर वाहन चला रहे 9 वाहन चालकों के वाहन को इंपाउंड किया गया।
पुलिस लगातार यातायात के नियमों की पालना कराने के लिए जागरूक कर रही
यातायात उप पुलिस अधीक्षक सुरेश कुमार सैनी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह आईपीएस ने सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए गए थे कि ट्रैफिक नियमों की पालना के लिए दृढ़ता से करवाई की जाए। पुलिस लगातार यातायात के नियमों की पालना कराने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही है। पुलिस का मकसद सड़कों पर कानून-व्यवस्था बनाए रखना और सड़क हादसों को रोकना है। शराब पीकर गाड़ी चलाना सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बनता है और यह मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 185 के तहत दंडनीय अपराध है। यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा।
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